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हरियाणा में किसानों के लिए आई बड़ी खबर, एक किसान बेच सकता है इतनी सरसो

हरियाणा से एक खुशखबरी आई है जो किसानों के चेहरे पर मुस्कान ले आई है। राज्य सरकार ने 26 मार्च से सरसों की सरकारी खरीद शुरू कर दी है जो किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य दिलाने का एक प्रयास है।
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हरियाणा से एक खुशखबरी आई है जो किसानों के चेहरे पर मुस्कान ले आई है। राज्य सरकार ने 26 मार्च से सरसों की सरकारी खरीद शुरू कर दी है जो किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य दिलाने का एक प्रयास है। इसके साथ ही 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद भी आरंभ होने जा रही है, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

हरियाणा सरकार का यह कदम किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। सरसों और गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने से किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलने की उम्मीद है। यह पहल न केवल किसानों के हित में है, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

सरसों खरीद में नई पहल

राज्य में पहले दिन से ही सरसों की खरीद के लिए उत्साह देखा गया। दोपहर तक कई जिलों में खरीद एजेंसियां सक्रिय नजर आईं। प्रदेश भर के 104 खरीद केंद्रों पर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सरसों की खरीद शुरू हो चुकी है। यह कदम किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने की दिशा में उठाया गया है।

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गेहूं खरीद की तैयारी

1 अप्रैल से गेहूं की खरीद भी शुरू होगी, जिसके लिए सरकार ने 2,275 रुपये प्रति क्विंटल की दर निर्धारित की है। प्रदेश भर में 414 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो इस साल गेहूं के अनुमानित उत्पादन को देखते हुए किसानों के लिए एक बड़ी सुविधा होगी।

किसानों के लिए नियम और प्रावधान

सरकार ने एक किसान के लिए एक दिन में 25 क्विंटल सरसों खरीद की सीमा तय की है। यदि किसान की उपज 25 क्विंटल से अधिक है तो उसे अगले दिन फसल खरीदने के लिए आना होगा। इस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए 'मेरी फसल-मेरा ब्योरा' पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।

चुनौतियां और समाधान

इस नई प्रणाली के साथ कुछ चुनौतियां भी हैं। किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण और खरीद प्रक्रिया की जानकारी होना जरूरी है। सरकार और खरीद एजेंसियों को इस प्रक्रिया के बारे में किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है।