यूपी के किसान भाइयों के लिए आई बड़ी खबर, धान बेचने से पहले इन बातों का रखे खास ध्यान
खरीफ सीजन में धान की कटाई का समय आ चुका है और किसान बड़े उत्साह के साथ अपनी फसल को सरकारी केंद्रों पर बेचने की तैयारी में जुटे हुए हैं. हालांकि कई बार किसानों को अपनी फसल नमी न होने के कारण वापस ले जानी पड़ती है जिसका मुख्य कारण फसल में नमी की उच्च मात्रा होती है.
नमी के मानक और सरकारी नीतियां
धान की बिक्री के लिए नमी का स्तर एक महत्वपूर्ण मानदंड है. जिला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी के अनुसार धान में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए (maximum moisture content in paddy should not exceed 17 percent). यदि धान में नमी का स्तर इससे अधिक होता है तो सरकारी क्रय केंद्रों द्वारा उसे खरीदने से मना कर दिया जाता है.
धान बिक्री से पहले की तैयारी
किसानों को धान बेचने से पहले कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए जैसे कि कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर धान बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण (online registration for selling paddy) कराना. पंजीकरण के बाद जारी किए गए टोकन को संभाल कर रखना चाहिए, क्योंकि इसी के आधार पर आपको धान बेचने की अनुमति मिलेगी.
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सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की गुणवत्ता जांच
सभी सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेष मशीनें लगाई गई हैं जिससे किसान अपने धान की नमी और गुणवत्ता की जांच आसानी से कर सकते हैं. यदि धान में नमी का स्तर या गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं होती तो उसे क्रय केंद्रों पर खरीदने से मना कर दिया जाता है जिससे किसानों को वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए उचित सलाह और सहायता दी जाती है.