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भैंस की डेयरी फार्म खोलने वालों के लिए बड़ी खबर, इस नस्ल की भैंस का पालन करके हो जाएंगे मालामाल

भैंस पालन व्यवसाय न केवल लाभकारी है बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक नहीं है. यह व्यवसाय एक बार शुरू करने के बाद पूरे सालभर चलता रहता है
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भैंस पालन व्यवसाय न केवल लाभकारी है बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक नहीं है. यह व्यवसाय एक बार शुरू करने के बाद पूरे सालभर चलता रहता है. भैंस पालन की खासियत यह है कि इसके लिए बहुत अधिक मानवीय संसाधन की आवश्यकता नहीं पड़ती. इसके अलावा, भैंस का दूध और दूध से बने पदार्थ लगभग हर घर में उपयोग किए जाते हैं, जिससे इस व्यवसाय की मांग हमेशा बनी रहती है.

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भैंस की नस्ल का चयन और मुनाफा

भैंस पालन में प्रजाति का चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है. कृषि विज्ञान केंद्र जमुनाबाद में तैनात एक्सपर्ट डॉ नागेन्द्र कुमार त्रिपाठी के अनुसार, मुर्रा, गोदावरी, तराई, और भदावरी जैसी भैंसों की प्रजातियां अधिक दूध उत्पादन करती हैं और इनसे अच्छा मुनाफा प्राप्त करना संभव है. विशेष रूप से मुर्रा प्रजाति की भैंस जो 15 से 20 लीटर दूध रोजाना देती है इसे व्यवसाय के लिए बढ़िया माना जाता है.

भैंस पालन से जुड़े अन्य लाभ

भैंसों के दूध के अलावा इनके गोबर से भी कई लाभ होते हैं. भैंस के गोबर को खाद के रूप में खेतों में इस्तेमाल किया जा सकता हैजो कि खेती के लिए उत्तम होता है. साथ ही इस गोबर को बेचकर भी अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है. यह गोबर बायोगैस बनाने में भी काम आता है जिससे ऊर्जा पैदा होती है.

भैंस पालन के लिए आवश्यक संसाधन

इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको निवेश के रूप में कुछ भैंसें और उनके लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है. भैंसों की नस्ल के हिसाब से उनकी कीमत अलग-अलग होती है, इसलिए आप अपने बजट के अनुसार निवेश कर सकते हैं. व्यवसाय शुरू करने के लिए उचित प्रशिक्षण और ज्ञान भी आवश्यक है ताकि व्यवसाय सफलतापूर्वक चल सके.