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Bihar Railway Line: बिहार के इस ज़िले में 78 किलोमीटर लंबी बिछाई जाएगी रेल्वे लाइन, इन गांवो की जमीनों की बढ़ सकती है कीमतें

सीतामढ़ी (Sitamarhi) से मोतिहारी (Motihari) वाया शिवहर (Sheohar) नई रेलवे लाइन (Railway Line) के निर्माण हेतु भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने एक बड़ा कदम उठाया है।
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Bihar Railway Line
   

सीतामढ़ी (Sitamarhi) से मोतिहारी (Motihari) वाया शिवहर (Sheohar) नई रेलवे लाइन (Railway Line) के निर्माण हेतु भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने एक बड़ा कदम उठाया है। इस परियोजना के लिए कुल 78.925 किलोमीटर भूमि का अधिग्रहण (Land Acquisition) किया जाना है।

इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए, रेलवे ने स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट (DM) से अधिग्रहण की जाने वाली जमीनों के मूल्य की विवरणी मांगी है, ताकि इस विशाल परियोजना के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था की जा सके।

निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण पत्राचार

पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) के उप मुख्य अभियंता निर्माण, उत्कर्ष कुमार (Utkarsh Kumar), ने सीतामढ़ी के डीएम को एक पत्र लिखकर भू-अर्जन 2013 अधिनियम (Land Acquisition Act 2013) के तहत लैंड प्लान की विस्तृत विवरणी भेजने का आग्रह किया है।

इस कदम से न केवल परियोजना की लागत का आकलन हो सकेगा, बल्कि इससे रेलवे लाइन के निर्माण कार्य को गति भी मिलेगी।

भूमि अधिग्रहण की चुनौतियां और समाधान

सीतामढ़ी जिला (Sitamarhi District) में इस नई रेलवे लाइन के लिए 17.762 किमी भूमि पड़ती है, जिसमें से 3.141 किमी रेलवे के पास पहले से है और शेष निजी जमीन (Private Land) है।

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रेलवे ने इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, संबंधित अधिकारियों से सहयोग की अपेक्षा की है।

वित्तीय आवंटन और परियोजना की प्रगति

इस परियोजना के लिए रेल मंत्रालय (Railway Ministry) ने सीतामढ़ी से शिवहर तक 28 किमी की दूरी के लिए प्रथम चरण में 566.83 करोड़ रुपये का वित्तीय आवंटन (Financial Allocation) किया है। इस बड़े वित्तीय प्रावधान से परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन की आशा जगी है।

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

इस नई रेलवे लाइन के निर्माण से सीतामढ़ी, शिवहर और मोतिहारी (Economic Development) के बीच यातायात (Transportation) की सुविधा में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय व्यापार (Local Trade) और पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना इन क्षेत्रों के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।