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सन्नी देओल की इस गलती के कारण डूबने वाला था बॉबी देओल का करियर, एक डिसीजन से धर्मेंद्र के डूब गये 39 करोड़

पिछले चार दशकों से सक्रिय बॉलीवुड कलाकारों में से एक हैं सनी देओल। 1983 में आई फिल्म "बेताब" ने सनी देओल का बॉलीवुड डेब्यू किया था। पिछले चार दशक में उसने एक से अधिक सुपरहिट फिल्में बनाई हैं।
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Sunny Deol directed 1st movie
   

पिछले चार दशकों से सक्रिय बॉलीवुड कलाकारों में से एक हैं सनी देओल। 1983 में आई फिल्म "बेताब" ने सनी देओल का बॉलीवुड डेब्यू किया था। पिछले चार दशक में उसने एक से अधिक सुपरहिट फिल्में बनाई हैं। प्रोड्यूसर और डायरेक्टर इससे करोड़ों रुपये कमाए हैं।

हालाँकि, 1999 में सनी देओल ने एक्टिंग के अलावा फिल्मों का निर्देशन भी करने का निर्णय लिया, तो देओल परिवार ने काफी पैसे खोए। धर्मेंद्र की लुटिया बेटे सनी की जिद से डूब गई। देओल परिवार को वह समय बहुत बुरा लगा।

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दरअसल, सनी देओल ने 1999 में अपने छोटे भाई बॉबी देओल के साथ एक फिल्म बनाने की इच्छा व्यक्त की।  इस फिल्म का नाम था "लंदन"। बॉबी की भूमिका में करिश्मा कपूर थीं। वहीं, फिल्म का निर्देशन गुरिंदर चड्ढा ने किया था। हालाँकि, सनी और गुरिंदर के बीच एक बहस हुई, जिसके परिणामस्वरूप वह गुरिंदर को फिल्म से बाहर कर दिया और खुद निर्देशक बन गया।

बदला फिल्म टाइटल और डायरेक्टर भी

जब इस फिल्म से गुरिंदर चड्ढा का नाम उजागर हुआ, फिल्म का टाइटल और मुख्य एक्ट्रेस दोनों बदल गए। सनी की डायरेक्शन में बनने वाली फिल्म का नाम अब "लंदन" से "दिल्लगी" हो गया। उर्मिला मातोंडकर ने करिश्मा की जगह ले ली।  इस फिल्म में दारा सिंह, जोहरा सहगल, रीमा लागू और कुलभूषण खरबंदा भी थे। वहीं, प्रीति जिंटा ने कैमियो रोल निभाया।

60 करोड़ रुपये की फिल्म का बजट था

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, फिल्म को बनाने के लिए 60 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। यह फिल्म बेहतरीन अभिनेता के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई।  19 नवंबर 1999 को फिल्म रिलीज हुई। फिल्म ने सिर्फ 21 करोड़ रुपये बॉक्स ऑफिस पर कमाए। इस फिल्म ने यानी सनी को कम से कम 39 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। धर्मेंद्र ने भी इस फिल्म में पैसे खर्च किए थे।

बॉक्स ऑफिस पर हुई फ्लॉप

सनी देओल के निर्देशन में बनी उनकी पहली फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बुरा प्रदर्शन किया। वहीं, बॉबी देओल के करियर पर प्रश्नचिन्ह लगे। माना जाता है कि धर्मेंद्र ने इस फिल्म के निर्देशन में सबसे अधिक धन खर्च किया था। यह भी कहा जाता है कि धर्मेंद्र को फिल्म से सनी ने डारेक्टर गुरिंदर चड्ढा को हटा कर खुद निर्देशन करने का निर्णय लिया था। लेकिन बेटे का विश्वास उसने बनाए रखा। जब फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हुई, तो सनी को अपने निर्णय पर बहुत पछतावा हुआ और बहुत पैसे खोने के बाद अपने पिता से आंख नहीं मिल पाई।