यूपी में इस साल आलू की बंपर पैदावार से किसानों के चेहरे पर लौटी मुस्कान, सस्ती कीमत पर मिलेगा बढ़िया क्वालिटी का आलू
उत्तर प्रदेश की आलू बेल्ट में शामिल कन्नौज और फर्रुखाबाद में आलू की नई फसल में भारी पैदावार और शीतगृहों में स्टॉक किए गए पुराने आलू ने सब कुछ गड़बड़ कर दिया है। बीते दो या तीन दिनों में, कन्नौज की मंडियों में आलू का पच्चीस किलो का बोरा 150 से 250 रुपये के बीच बिका था। 50 किलो आलू का मूल्य भी फर्रुखाबाद में 250 से 300 रुपये था।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो आलू फेंकने की भी नौबत आ सकती है। कन्नौज में आलू कारोबारी मोहतस्सिम खान ने बताया कि दिसंबर के अंतिम हफ्ते में आलू उत्पादन का पीक आ जाएगा।
इस बार किसानों ने गेहूं की बोआई के लिए अगैती का आलू जल्दी खोद दिया। कोल्ड स्टोरों में पुराना आलू बहुत है। दूसरे राज्यों ने भी इसकी कोई मांग नहीं की है। नतीजतन, पिछले एक हफ्ते में नया आलू मंडियों में 4-5 रुपये प्रति किलो से 200 से 250 रुपये प्रति बोरी तक बिका था।
2 से 3 दिन पहले एक बोरी आलू 150 से 200 रुपये में बिक गया था। पिछले साल आलू का मूल्य न्यूनतम 300 से 350 रुपये प्रति बोरी था। जानकारी के अनुसार, किसानों को आलू से प्रति बीघे २,००० से ३,००० रुपये का नुकसान हो रहा है।
तीन साल से खराब थी फसल
फर्रुखाबाद के एक ठंडा दुकान मालिक राजेंद्र शाक्य ने बताया कि 50 किलो आलू की बोरी 250 से 331 रुपये में खरीदी जाती है। ये रुझान पिछले हफ्ते से जारी है। मंडी में बहुत सारे आलू हैं। कोल्ड स्टोर से अच्छी वस्तुएं बेची गई हैं। तीन साल से आलू की फसल बिगड़ गई है। पिछले वर्ष 50 किलो की बोरी 400-450 रुपये में बेची जाती थी।
छोटे आलू फेंक देंगे
फर्रुखाबाद के आलू किसान और निर्यातक सुधीर शुक्ला ने कहा कि किसान आलू की कीमतों में वृद्धि से हैरान हैं। कहा कि आलू के लिए पूरे वर्ष किसान संघर्ष करते रहे हैं। कभी-कभी मूल्य नहीं मिलता, तो कभी-कभी कोल्ड स्टोर में जगह नहीं मिलती।
दाम अब नहीं मिल रहे हैं। कहते हैं कि जिले में थोक मंडियों में आलू की कीमत चार सौ से पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल है। अचानक मूल्यों में गिरावट चिंता का विषय है। छोटा आलू फ्रिज में फेंका जाएगा।
दूसरे प्रदेशों में आलू उत्पादन का है असर
फर्रुखाबाद के आलू विकास अधिकारी आरएन वर्मा ने बताया कि अगैती की फसल आने पर शुरुआत में सब ठीक था, लेकिन बाद में दाम अचानक गिर गए। मंडियों में हर दिन 150 से 200 ट्रक आलू आते हैं। प्रदेश में पंजाब का आलू आ रहा है।
असम, बंगाल और बिहार के अलावा पूर्वोत्तर में भी आलू का उत्पादन होने लगा है। इसलिए राज्य से मांग न के बराबर है। फर्रुखाबाद में हाइब्रिड आलू का उत्पादन व्यापक रूप से होता है। इसका उत्पादन अच्छा है।