Business Idea: इस फसल की खेती करके किसान हो सकते है मालामाल, मार्केट में रहती है तगड़ी डिमांड
आज के दौर में जहां एक ओर नौकरी की तलाश में लोग परेशान हैं वहीं कई ऐसे बिजनेस आइडियाज हैं जो कम समय में आपको अच्छी खासी आमदनी दे सकते हैं। ऐसा ही एक आइडिया है मेंथा की खेती जो न केवल आपको कम समय में बेहतर रिटर्न देती है बल्कि इससे आपके खेती के ज्ञान में भी बढ़ोतरी होती है।
हर्बल क्रांति का आगाज
कोरोना महामारी के बाद से हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसका सीधा असर औषधीय फसलों की खेती पर पड़ा है। जड़ी-बूटियों या औषधीय फसलों की खेती से न केवल लागत के मुकाबले तीन गुना आमदनी होती है बल्कि यह मृदा स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखता है। मेंथा इन्हीं औषधीय फसलों में से एक है।
मेंथा की खेती का महत्व
मेंथा या पुदीना भारत में एक लोकप्रिय औषधीय फसल है, जिसकी खेती उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और पंजाब जैसे कई राज्यों में की जाती है। इसकी खेती का मुख्य कारण है इसका बाजार में अच्छा मूल्य मिलना और इसका उपयोग विभिन्न दवाओं, तेलों, सौंदर्य उत्पादों और कैंडीज के निर्माण में होना।
कैसे करें मेंथा की खेती?
मेंथा की खेती के लिए सही मिट्टी और उचित सिंचाई की जरूरत होती है। इसकी बुवाई फरवरी से मध्य अप्रैल तक की जाती है और जून में इसकी कटाई होती है। सही तरीके से की गई खेती से मेंथा से प्रति हेक्टेयर 125-150 किलोग्राम तेल प्राप्त किया जा सकता है जिससे अच्छी खासी आमदनी होती है।
मेंथा की खेती से कमाई
मेंथा की खेती एक नकदी फसल है जिसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है। फसल 90 से 110 दिन में तैयार हो जाती है जिससे किसानों को जल्दी ही खेती पर खर्च किया गया पैसा मोटे मुनाफे के रूप में वापस मिल जाता है। प्रति एकड़ मेंथा की फसल लगाने में लगने वाली लागत के मुकाबले आय एक लाख रुपये तक पहुंच जाती है जिससे किसान 3 महीने में 3 गुना कमा सकते हैं।