इस वैरायटी के गन्ने की खेती करके किसान हो सकते है मालामाल, कम लागत में होगा बंपर मुनाफा
पूर्वांचल के किसानों के लिए गन्ने की खेती मुख्य नकदी फसल है। यहां की उपजाऊ जमीन और मौसमी परिस्थितियाँ गन्ने की खेती के लिए अनुकूल हैं, जिससे किसानों को अच्छी उपज मिलती है और उन्हें इससे दोगुना लाभ होता है।
पूर्वांचल के किसानों के लिए गन्ने की खेती मुख्य नकदी फसल है। यहां की उपजाऊ जमीन और मौसमी परिस्थितियाँ गन्ने की खेती के लिए अनुकूल हैं, जिससे किसानों को अच्छी उपज मिलती है और उन्हें इससे दोगुना लाभ होता है।
गन्ने की वैरायटी और उसके फायदे
जिला गन्ना अधिकारी डॉक्टर नीरज कुमार वर्मा ने पूर्वांचल के किसानों को गन्ने की खेती के लिए विशेष वैरायटी 'को. लख 15466' का सुझाव दिया है, जो उच्च उपज देने वाली प्रजाति है। इसके अलावा, 'को. शा 0118', '15023', और '17231' जैसी वैरायटियां भी शानदार हैं और किसान इन्हें भी अपनी खेती में शामिल कर सकते हैं।
लागत और लाभ
डॉक्टर वर्मा ने बताया कि गन्ने की एक हेक्टेयर खेती में लगभग 1 लाख 40 हजार रुपए का खर्च आता है, जिसमें 25 हजार बड बीज की जरूरत होती है। इस खेती से लगभग 3 लाख 70 हजार रुपए की कमाई हो सकती है, जो किसानों को दोगुना मुनाफा देती है।
गन्ने की खेती की नई तकनीकें
गन्ने की खेती में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके भी किसान बेहतर उत्पादन और लाभ कमा सकते हैं। ट्रेंच विधि इसका एक उदाहरण है, जिसमें गन्ने के दो पंक्तियों के बीच 4 फीट की दूरी बनाकर उड़द, मूंग, लौकी जैसी फसलें लगाई जाती हैं। यह विधि न केवल गन्ने की उपज को बढ़ाती है बल्कि अन्य फसलों से भी अतिरिक्त आय होती है।