क्या शराब पीकर वोट डालने जाए तो पकड़ सकती है पुलिस, क्या सच में हो सकती है कानूनी कार्रवाई
बीते 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होने जा रहा है। जिसमें 12 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की 88 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इस बड़े चरण में दिल्ली-एनसीआर के करीबी जिले जैसे गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी मतदान संपन्न होगा।
इन सभी क्षेत्रों में मतदान की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने कड़ी तैयारी की थी। मतदान के दिन शराब पीकर वोट देने जाने की स्थिति में मतदाताओं को अपनी जिम्मेदारियों का बोध होना चाहिए।
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यह न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को प्रभावित करता है बल्कि लोकतंत्र के महापर्व की पवित्रता को भी कम करता है। इसलिए हर मतदाता को इस दिन विशेष रूप से जागरूक और जिम्मेदार बनने की आवश्यकता है।
ड्राई-डे का प्रभाव और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध
जैसे की आप सभी जानते है की 26 अप्रैल को पूरे दिन ड्राई-डे घोषित किया गया था। जिसके तहत सभी प्रकार के अल्कोहल की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। यह कदम शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इस दौरान यह जरूरी है कि मतदाता न केवल अपने अधिकार का प्रयोग करें बल्कि इस दौरान सजग और जिम्मेदार भी बनें।
क्या वोट देने से पहले शराब पीना उचित है?
चुनाव के दौरान शराब पीकर मतदान केंद्र पर जाना कानूनी रूप से अपराध नहीं है। लेकिन यदि इससे किसी प्रकार का हंगामा या अव्यवस्था पैदा होती है, तो यह गंभीर मामला बन सकता है। निर्वाचन आयोग सख्ती से यह सुनिश्चित करता है कि मतदान प्रक्रिया किसी भी प्रकार से प्रभावित न हो।
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कानूनी प्रावधान और वोटर की जिम्मेदारी
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अनुसार अगर कोई मतदाता शराब पीकर और उससे किसी अन्य को परेशानी होती है। तो प्रिसाइडिंग ऑफिसर को यह अधिकार है कि वह उस व्यक्ति पर कार्रवाई कर सकते हैं। यह न केवल चुनाव की गरिमा को बनाए रखता है बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि मतदान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।