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राजस्थान के इन नए जिलों को रद्द कर सकती है सरकार ? भजनलाल सरकार ने लिया बड़ा डिसीजन

सोमवार को चीफ मिनिस्टर ऑफिस में आयोजित बैठक में राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों की समीक्षा के लिए गठित की गई
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17 new districts news: सोमवार को चीफ मिनिस्टर ऑफिस में आयोजित बैठक में राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों की समीक्षा के लिए गठित की गई ललित के. पंवार कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा की. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा इस बैठक में मौजूद थे. यह बैठक काफी महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह निर्णय राज्य के प्रशासनिक ढांचे पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है.

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जिलों की संख्या में बड़ा बदलाव

हालांकि इस बैठक में किसी भी प्रकार का ठोस निर्णय नहीं लिया गया परंतु इस बात के संकेत अवश्य मिले कि कुछ जिलों में कटौती हो सकती है. जल मंत्री (Water Resources Minister) कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि अगर छोटे इलाकों को जिला बना दिया गया तो राजस्थान में अनगिनत जिले बन सकते हैं, जिससे प्रशासनिक संकट उत्पन्न हो सकता है. इस तरह की बढ़ती हुई संख्या न केवल प्रशासनिक दबाव बढ़ाएगी बल्कि वित्तीय भार भी बढ़ाएगी.

वित्तीय चुनौतियाँ और जिला गठन की लागत 

जिला बनाने में आने वाले खर्च की चर्चा भी इस बैठक में की गई थी. मंत्री ने बताया कि प्रत्येक नए जिले को बनाने में लगभग 2000 करोड़ रुपए (District formation cost) का खर्चा आता है और उन्होंने 2008 में बने प्रतापगढ़ जिले का उदाहरण दिया जहाँ आज भी प्रशासनिक संसाधनों की कमी है. इससे पता चलता है कि जिले बनाने के बाद भी उन्हें पूरी तरह से सुसज्जित करने में समय लगता है.

राजस्थान की बड़ी घोषणा

इस बैठक के समय डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने कहा कि सितंबर से राजस्थान की महिलाओं को प्रति माह 10,000 रुपए (Monthly grant for women) की वित्तीय सहायता दी जाएगी. यह योजना राज्य में महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से लाई गई है.