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Chanakya Niti: इतने साल से ज्यादा गैप वाले पति पत्नी के बीच नही मिलते आपसी विचार, इस वजह से नए रिश्ते भी घुल जाता है नफरत का जहर

आचार्य चाणक्य एक महान भारतीय राजगुरु और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने भारतीय इतिहास में अपनी ब्रिलियंट नीतियों और कूटनीतिक ज्ञान के लिए मशहूर होने का स्थान प्राप्त किया। चाणक्य नीति जो मौर्य वंश के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राजनीतिक गुरु और मंत्री थे।
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आचार्य चाणक्य एक महान भारतीय राजगुरु और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने भारतीय इतिहास में अपनी ब्रिलियंट नीतियों और कूटनीतिक ज्ञान के लिए मशहूर होने का स्थान प्राप्त किया। चाणक्य नीति जो मौर्य वंश के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राजनीतिक गुरु और मंत्री थे।

वे एक प्रमुख राजनीतिज्ञ, शिक्षक और कूटनीतिज्ञ थे जिनका योगदान भारतीय इतिहास के लिए महत्वपूर्ण रहा है। उनकी रणनीति और नीतिक्रियाएं आज भी लोगों के लिए मार्गदर्शन के रूप में काम आती हैं। उनके ग्रंथ “अर्थशास्त्र” और “चाणक्य नीति” भारतीय साहित्य के महत्वपूर्ण हिस्से हैं।

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वे विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत करने के साथ-साथ भारतीय समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी सिलसिले में आज हम आपको आर्चय चाणक्य की एक ऐसे अध्याय के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसमें उन्होंने पति और पत्नी के बीच उम्र के गैप से होने वाले नुकसान के बारे में बताया है।

जिसके कारण कई बार उनके रिश्ते में दरार भी आ जाता है और वो आजीवन दूखी रहते हैं। इसलिए किसी से भी वैवाहिक जीवन में जुड़ने से पहले यह आर्टिकल जरुर पढ़ ताकि उम्र के इस अंतर को और उसके नुकसान से आप बच सकें।

उम्र का अंतर

आचार्य चाणक्य के अनुसार, पुरुष और स्त्री के बीच वृद्धि में अधिक अंतर नहीं होना चाहिए। ऐसे विवाह जहर के समान होते हैं। जिससे जीवन भर दोनों ही व्यक्ति को परेशानियां उठानी पड़ सकती है। उम्र में ज्यादा अंतर होने से इसका परिणाम आपको शारीरिक और मानसिक दोनों रुप में देखने को मिलेगा।

ऐसी स्थितियों में कई बार मामला अगल होने तक भी पहुंच जाता है। कई बार बच्चों के कारण या परिवार के कारण दोनों को ही मजबूरी में एक-दूसरे के साथ रहना पड़ता है, इससे महिला और पुरुष दोनों की ही जिंदगी बर्बाद हो जाती है।

एक-दूसरे का सम्मान

विवाही जीवन में समर्पण का महत्व होता है। पति और पत्नी को एक-दूसरे के साथ संबंध बनाए रखने में समर्पित रहना चाहिए। अच्छे विवाही जीवन के लिए समझदारी की आवश्यकता होती है। दोनों पार्टनर को एक-दूसरे की भावनाओं, इच्छाओं को समझना चाहिए।

पति-पत्नी के बीच आपसी समर्पण के साथ-साथ, मर्यादा का पालन करना चाहिए। चाणक्य नीति के अनुसार, शादीशुदा जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आप दोनों पार्टनर एक-दूसरे का सम्मान करें।

(Disclaimer:- इस आलेख में दी गई जानकारियों का CANYON SPECIALITY FOODS दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)