टोल प्लाजा से जुड़े इन नियमों में हुआ बदलाव, हाइवे से हटाए जाएंगे ये होर्डिंग्स
भारतीय राजमार्गों पर वीआईपी कल्चर के नए दौर की शुरुआत हो चुकी है। केंद्र सरकार ने टोल नाकों पर लगे वीआईपी होर्डिंग्स को हटाने की योजना बना ली है और उनके स्थान पर विशेष फास्टैग का उपयोग करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। यह कदम सरकार द्वारा लाल बत्ती कल्चर को समाप्त करने के उपरांत उठाया गया एक और महत्वपूर्ण कदम है।
इस नई व्यवस्था से वीआईपी कल्चर में एक स्वागत योग्य परिवर्तन आएगा और टोल नाकों पर यातायात की दक्षता में सुधार होगा। यह पहल न केवल यात्रा को अधिक सुखद बनाएगी। बल्कि सरकारी संसाधनों का उपयोग भी अधिक कुशलतापूर्वक होगा। इससे सभी नागरिकों के लिए बेहतर सड़क यात्रा का अनुभव सुनिश्चित हो सकेगा।
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सरकारी योजना की समीक्षा
एक सप्ताह पहले हुई सचिव स्तरीय बैठक में इस योजना पर व्यापक चर्चा हुई और निष्कर्ष निकाला गया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगे वीआईपी होर्डिंग अब प्रासंगिक नहीं रहे हैं। इसके बजाय वीआईपी व्यक्तियों के लिए फास्टैग के माध्यम से टोल नाका प्रबंधन को सरल बनाने की तैयारी है। जिससे ट्रैफिक में सुधार और समय की बचत हो सकेगी।
वीआईपी के लिए फास्टैग की व्यवस्था
टोल टैक्स में छूट प्राप्त वीआईपी व्यक्तियों को विशेष फास्टैग जारी किए गए हैं। जिससे उन्हें टोल नाकों पर बिना रुके पास होने की सुविधा मिलेगी। इससे न केवल समय की बचत होगी। बल्कि यह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और कुशल बनेगी।
स्पेशल लेन की व्यवस्था
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने यह भी विचार किया है कि विशेष लेन विकसित की जाएं। जिससे कि वीआईपी वाहन और अन्य छूट प्राप्त वाहन बिना बाधा के टोल नाकों से गुजर सकें। यह विशेष लेन वीआईपी श्रेणी के वाहनों को निर्बाध यातायात प्रदान करने में सहायक होगी।
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नई नीति का प्रभाव
इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य टोल नाकों पर वीआईपी श्रेणी के होर्डिंग्स को हटाकर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग रोकना है। मौजूदा नियमों के तहत वीआईपी सूची को टोल से 1 किलोमीटर पहले और टोल प्लाजा से 500 मीटर पहले प्रदर्शित किया जाता था। लेकिन अब इसे अधिक संगठित और केंद्रित तरीके से प्रबंधित किया जाएगा।