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Cheque Signature Rule: जाने किस कंडिशन में चेक के पीछे साइन करना होता है जरुरी, जान लो वरना हो सकती है दिक्क्त

वित्तीय लेन-देन (Financial Transactions) में चेकबुक (Chequebook) का इस्तेमाल आज भी अहम है खासकर जब बड़ी राशि की बात आती है। चेक (Cheque) के जरिए लेन-देन करते समय खाताधारक (Account Holder) के लिए कुछ नियमों और सावधानियों को समझना जरूरी होता है।
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वित्तीय लेन-देन (Financial Transactions) में चेकबुक (Chequebook) का इस्तेमाल आज भी अहम है खासकर जब बड़ी राशि की बात आती है। चेक (Cheque) के जरिए लेन-देन करते समय खाताधारक (Account Holder) के लिए कुछ नियमों और सावधानियों को समझना जरूरी होता है। अनजाने में की गई एक छोटी सी गलती भी आपको बड़े वित्तीय जोखिम (Financial Risk) में डाल सकती है।

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चेक के पीछे साइन करने का मतलब

चेकबुक के सही इस्तेमाल की बात करें तो चेक के पीछे साइन (Signature) करने की प्रक्रिया को समझना बहुत आवश्यक है। आमतौर पर बियरर चेक (Bearer Cheque) पर ही पीछे की तरफ साइन किया जाता है। यह एक प्रकार का चेक होता है जिसे बैंक में जमा करने पर उसमें लिखी राशि किसी भी व्यक्ति द्वारा निकाली जा सकती है। इस प्रकार के चेक से जुड़ा फ्रॉड (Fraud) होने पर बैंक (Bank) किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी से मुक्त होता है।

चेक से जुड़ी जरूरी जानकारी

एक खाताधारक के रूप में चेक जारी करते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि चेक पर तारीख (Date) राशि (Amount) शब्दों और अंकों में स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए और हस्ताक्षर बिना किसी ओवरराइटिंग (Overwriting) के होने चाहिए। इसके अलावा चेक पर प्राप्तकर्ता का नाम (Payee Name) सही ढंग से लिखा जाना चाहिए।

चेक फ्रॉड से बचाव

चेक फ्रॉड से बचने के लिए, खाताधारकों को सतर्क रहना चाहिए और चेकबुक का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। चेक के पीछे बिना सोचे-समझे साइन करने से बचें। यदि आप चेक पर साइन कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप इसे विश्वसनीय व्यक्ति (Trusted Person) को ही दे रहे हैं।