मुंहमांगी कीमत के बदले हर साल लाखों गधे खरीदने में जुटा है चीन, इस खास काम में हो रहा इस्तेमाल
चीन (China) अपनी विभिन्न क्रियाकलापों के लिए विश्वभर में बदनाम रहा है, और अब यह गधों के जीवन के लिए एक बड़े खतरे के रूप में उभरा है। ब्रिटेन की संस्था 'द डंकी सेंचुरी' (The Donkey Sanctuary) के अनुसार हर साल लगभग 60 लाख गधों (Donkeys) की मौत चीन के कारण हो रही है। यह संख्या इतनी विशाल है कि अगर इसे तत्काल नहीं रोका गया तो आने वाले 5 सालों में गधों की कुल संख्या आधी रह जाएगी।
अफ्रीका और एशिया में घटती गधों की संख्या
अफ्रीका (Africa), दक्षिण अमेरिका (South America), और एशिया (Asia) में गधों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। इन क्षेत्रों में हजारों अवैध बूचड़खाने (Illegal Slaughterhouses) खोले गए हैं, जो केवल गधों का कत्ल कर रहे हैं और उनकी खाल (Skin) और अन्य उत्पादों को अवैध तरीके से चीन को निर्यात कर रहे हैं।
एजियो
चीन में गधों की हत्या के पीछे मुख्य कारण 'एजियो' (Ejiao) है, जो गधे की खाल से निकलने वाले कोलेजन (Collagen) से बनता है। एजियो का इस्तेमाल विभिन्न पारंपरिक चीनी दवाइयों (Traditional Chinese Medicines) में किया जाता है, जिसमें यौनवर्धक, पौरुष शक्ति बढ़ाने वाली दवाइयां, एनीमिया उपचार, स्किन केयर, और ब्यूटी प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
एजियो उद्योग की बढ़ती मांग
चीन में एजियो की उद्योग (Ejiao Industry) ने पिछले एक दशक में तेजी से वृद्धि दर्ज की है जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 20% से अधिक है। इसके चलते चीन को गधों की खाल की भारी मांग (High Demand) है, लेकिन सप्लाई सीमित (Limited Supply) है।
विकल्प और समाधान
वैज्ञानिकों का मानना है कि 'सेलुलर कृषि' (Cellular Agriculture) के माध्यम से लैब में कृत्रिम रूप से कोलेजन तैयार करने से गधों पर होने वाली अनावश्यक क्रूरता (Unnecessary Cruelty) को रोका जा सकता है। 'द डंकी सेंचुरी' जैसी संस्थाएं एजियो उत्पादक कंपनियों को इस दिशा में प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन अब तक खास सफलता नहीं मिली है।