उत्तरप्रदेश के इन जिलों में चकबंदी के आदेश हुए जारी, जल्दी से देख ले जिलों के नाम
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 29 जिलों के 137 गांवों में चकबंदी (Consolidation) का विस्तार होने जा रहा है, जिसका आदेश अपर निदेशक चकबंदी प्राविधिक तरुण कुमार मिश्र (Tarun Kumar Mishra) द्वारा जारी किया गया है।
यह पहल 51 गांवों में पहली बार और 23 गांवों में दूसरी बार चकबंदी करने के लिए की जा रही है, जो न केवल गांवों के विकास की नई राह खोलेगी बल्कि किसानों (Farmers) के जीवन में भी एक सकारात्मक परिवर्तन लाएगी।
मुख्यमंत्री की प्रेरणा: गांवों के पुनर्विकास की ओर
इस चकबंदी प्रक्रिया को मुख्यमंत्री (Chief Minister) की प्रेरणा से अंजाम दिया जा रहा है। गांवों में पुन:चकबंदी (Reconsolidation) के लिए सभी तथ्यों की जांच पड़ताल के बाद नए प्रस्तावों को आमंत्रित किया गया है।
इस प्रक्रिया की समीक्षा मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी (Avnish Awasthi) द्वारा की गई, जिसके बाद 14 जून को शासन स्तर पर चकबंदी कराए जाने के लिए प्रस्तावों पर विचार के लिए सहमति प्रदान की गई।
ई-चकबंदी: पारदर्शिता की ओर एक कदम
शासन द्वारा चकबंदी कार्य को ई-चकबंदी (E-Consolidation) के जरिए शीघ्र और पारदर्शी (Transparent) ढंग से करवाने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रक्रिया के तहत, अभिलेखों, भूचित्र का शुद्धिकरण (Purification) और चक निर्माण का कार्य साफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा, जिससे किसानों और ग्रामीणों को समय पर और सही जानकारी मिल सकेगी।
लाभ और ग्रामीणों की मांग
चकबंदी से भूमि विवादों (Land Disputes) का अंत होगा और ग्रामीणों को उनकी जमीन की सही जानकारी प्राप्त होगी। इस प्रक्रिया से ग्रामीणों को पता चलेगा कि उनकी कितनी जमीन है और कितने पर अनाधिकृत कब्जा (Unauthorized Occupation) है।
इन जिलों में चकबंदी से न केवल भूमि संबंधी मामलों में सुधार होगा बल्कि गांवों के समग्र विकास (Overall Development) में भी मदद मिलेगी।
चकबंदी की दिशा में आगे के कदम
चकबंदी आयुक्त (Consolidation Commissioner) द्वारा जल्द ही संबंधित जिलों के जिलाधिकारी और जिला चकबंदी बंदोबस्त अधिकारियों को प्रथम और द्वितीय चरण की चकबंदी प्रक्रिया आरंभ करने के आदेश जारी किए जाएंगे।
इस पहल से गांवों में चकरोड, खलिहान, चारागाह (Pastures) आदि के लिए भूमि उपलब्ध होगी और गांवों में स्कूल, खेल के मैदान व अन्य विकास कार्यों के लिए भी भूमि उपलब्ध हो सकेगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।