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इस नस्ल की गाय पशुपालकों के लिए नही है वरदान से कम, दूध बेचकर हो सकते है मालामाल

भारतीय कृषि और पशुपालन क्षेत्र में गिर गाय का विशेष महत्व है। यह गाय न केवल दूध उत्पादन में ज्यादा बढ़िया है बल्कि इसका गोबर और मूत्र भी कृषि के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।
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भारतीय कृषि और पशुपालन क्षेत्र में गिर गाय का विशेष महत्व है। यह गाय न केवल दूध उत्पादन में ज्यादा बढ़िया है बल्कि इसका गोबर और मूत्र भी कृषि के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। गिर गाय का दूध विशेष रूप से A2 प्रोटीन से भरपूर होता है जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस नस्ल की गाय से प्रति दिन 15 से 20 लीटर दूध प्राप्त होता है, जिसके उच्च फैट सामग्री के कारण इससे बनने वाला घी भी बाजार में उच्च मूल्य पर बिकता है।

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गिर गाय का आर्थिक महत्व

गिर गाय के पालन से किसानों को नियमित और अच्छी आमदनी होती है। इस नस्ल की गाय प्रतिदिन लगभग 700 से 1,000 रुपए की आमदनी प्रदान कर सकती है। इसके दूध की कीमत बाजार में 120 रुपये प्रति लीटर तक होती है जो किसी भी सामान्य नस्ल की गाय के दूध से कहीं अधिक है। इस प्रकार गिर गाय का पालन न केवल आय का एक स्थिर स्रोत है बल्कि यह किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाता है।

गिर गाय की पहचान और खासियत

गिर गाय की पहचान इसके खास शारीरिक लक्षणों से की जा सकती है। इस नस्ल की गायों का रंग आमतौर पर लाल से लेकर भूरे रंग का होता है इसका माथा चौड़ा होता है और इसके लंबे घुमावदार सींग और लंबे कान होते हैं। इसकी पीठ पर एक कूबड़ होता है जो इसकी सबसे प्रमुख विशेषताओं में से एक है।