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UPI होने के बावजूद भी कैश में लेनदेन में दिखी तेजी, ATM से हर महीने निकाले जा रहे है लगभग डेढ़ लाख करोड़

भारत में डिजिटल लेनदेन की बढ़ती सुविधा के बावजूद नकदी की मांग में कमी आने के बजाय एक बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
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भारत में डिजिटल लेनदेन की बढ़ती सुविधा के बावजूद नकदी की मांग में कमी आने के बजाय एक बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है। सीएमएस इन्फोसिस्टम्स द्वारा हाल ही में जारी की गई सालाना रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान भारतीयों ने एटीएम से प्रति माह औसतन 1.43 लाख करोड़ रुपये निकाले जो पिछले वर्ष के 1.35 लाख करोड़ रुपये से 5.92 प्रतिशत अधिक है।

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नकदी की बढ़ती मांग के पीछे के कारण

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी अभी भी एक महत्वपूर्ण कारक है। यूपीआई जैसे डिजिटल भुगतान मंचों के बढ़ते प्रचलन के बावजूद लोग खरीदारी और अन्य दैनिक आवश्यकताओं के लिए नकदी का उपयोग करना पसंद करते हैं।

क्षेत्रीय विश्लेषण और नकदी निकासी के रुझान

देश के विभिन्न हिस्सों में नकदी निकासी के आंकड़े भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए, कर्नाटक में प्रति एटीएम नकदी निकासी सबसे ज्यादा है जहाँ लोगों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रति एटीएम औसतन 1.83 करोड़ रुपये निकाले हैं। इसके बाद दिल्ली और पश्चिम बंगाल का स्थान है जहां लोगों ने क्रमशः 1.82 करोड़ और 1.62 करोड़ रुपये निकाले हैं।

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महानगरों और ग्रामीण इलाकों में नकदी की खपत

रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि महानगरों में नकदी निकासी में 10.37 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जबकि ग्रामीण इलाकों में यह बढ़ोतरी 3.94 प्रतिशत रही है। यह बताता है इससे यह पता चलता है की बड़े शहरों में भी लोग नकदी पर भरोसा कर रहे हैं।