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Dhirubhai Ambani: जब व्यापारियों ने धीरूभाई अंबानी के साथ बिजनेस करने से किया था इंकार, फिर कुछ ऐसा हुआ की चमक उठी किस्मत

भारत के सबसे सफल व्यवसायियों में से एक धीरूभाई अंबानी, उद्योग में अपने काम के लिए प्रसिद्ध और सम्मानित हैं। वह भारत के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी के पिता थे और रिलायंस समूह में उनका योगदान अहम है। इस किस्से में, हम धीरूभाई अंबानी के बारे में एक दिलचस्प तथ्य साझा करेंगे जो बहुत कम लोग जानते हैं।
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Dhirubhai Ambani Success

भारत के सबसे सफल व्यवसायियों में से एक धीरूभाई अंबानी, उद्योग में अपने काम के लिए प्रसिद्ध और सम्मानित हैं। वह भारत के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी के पिता थे और रिलायंस समूह में उनका योगदान सबसे अहम है। इस पोस्ट में, हम धीरूभाई अंबानी के बारे में एक दिलचस्प क़िस्सा शेयर करेंगे जो बहुत कम लोग जानते हैं।

भारत में ज्यादातर लोग अंबानी परिवार को उनकी दौलत के लिए जानते हैं। हम आपको मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी की एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जिसका उनके बेटे के बिजनेस से कोई संबंध नहीं है।

पॉलिएस्टर कपड़ों की थी डिमांड

यह धीरूभाई अंबानी की कहानी है, जिन्होंने भारत लौटने से पहले बड़े पैमाने पर भारतीय बाजार पर शोध किया। उन्हें पता चला कि यहां पॉलिएस्टर कपड़ों की बहुत मांग है और इस बात ने उनके पिता को कपड़ा उद्योग का विस्तार करने में मदद की।

हर हफ़्ते लेते थे कंपनी का जायज़ा

जब धीरूभाई अंबानी ने कपड़ा उद्योग में प्रवेश किया, तो उन्होंने अहमदाबाद में अपनी कंपनी विमल सूटिंग शर्टिंग की स्थापना की। यह कंपनी कपड़े बनाने के लिए पॉलिएस्टर के कपड़ों का इस्तेमाल करती है। कहा जाता है कि धीरूभाई अंबानी हर हफ्ते कंपनी का जायजा लेने के लिए मुंबई से अहमदाबाद जाते थे।

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लोगों ने नही दिया था धीरूभाई का साथ

कंपनी ने बड़ी मात्रा में कपड़ों का उत्पादन किया लेकिन एक व्यापक बाजार खोजने के उसके प्रयास विफल रहे क्योंकि स्थापित कपड़ा बिज़नेस के लोग, धीरूभाई अंबानी का साथ देने के लिए तैयार नहीं थे, जो उन्हें लगा कि वे पहले से ही बहुत शक्तिशाली हैं। इससे अन्य व्यवसायी धीरूभाई अंबानी से कपड़े खरीदने से दूर रहे, जिससे उनके उत्पादों को बेचने की क्षमता सीमित हो गई।

इस तरीक़े से धीरूभाई ने कारोबारियों को लिया अपने साथ

जब धीरूभाई अम्बानी को इस बात का पता चला तो उन्होंने एक-एक कर सभी व्यापारियों से मिलकर उन्हें आश्वस्त किया कि यदि कारोबारियों को व्यापार में कोई घाटा होता है तो उसके लिए स्वयं धीरूभाई अम्बानी जिम्मेदार होंगे। हालांकि अगर मुनाफा होता है तो व्यापारी इसे अपने पास रखेंगे। तमाम कारोबारियों ने धीरूभाई अंबानी की बातों में दम दिखाया और इसके बाद धीरूभाई अंबानी ने न सिर्फ अपना कारोबार बढ़ाया, बल्कि कई नए कारोबार भी खड़े किए।