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ट्रेन में सफर के दौरान भूलकर भी मत कर देना ये गलतियां, वरना हवालात में बितानी पड़ सकती है रात

भारतीय रेलवे से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। सफर के दौरान यात्रियों को किसी चीज की परेशानी न हो रेलवे इसका खास ख्याल रखता है। सफर के दौरान यात्रियों को रेलवे की तरफ से तौलिए दिए जाते हैं। यात्री इन...
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Indian Railways Penalty Rules
   

भारतीय रेलवे से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। सफर के दौरान यात्रियों को किसी चीज की परेशानी न हो रेलवे इसका खास ख्याल रखता है। सफर के दौरान यात्रियों को रेलवे की तरफ से तौलिए दिए जाते हैं। यात्री इन सामान का इस्तेमाल कर सकते हैं।

हालांकि कुछ लोग इसे यात्रा खत्म होने के बाद अपने साथ बैग में रख के घर लेकर चले जाते हैं। रेलवे में ऐसा कोई नियम नहीं है कि आप ट्रेन में मिली चादर-तौलिए को घर लेकर जा सकते हैं। ऐसा करना आप पर भारी पड़ सकता है। अब तक 14 करोड़ के तौलिए-चादर चोरी हो चुके हैं।

ट्रेन के बाहर सामान मिलने पर कार्रवाई

आपको बता दें अगर ट्रेन के बाहर भी आपके पास बेडरोल का कोई सामान मिलता है तो आप पर कार्रवाई की जा सकती है। तो जानते हैं कि अगर किसी के पास बेडरोल का कोई सामान मिलता है या कोई चादर-तौलिया चुरा कर ले जाता है तो उस पर क्या कार्रवाई होती है और इसके लिए क्या सजा है।

बेडरोल चुराने पर मिलती है सजा

सफर के लिए दिए जाने वाला बेडरोल भी कई लोग घर लेकर चले जाते हैं। अगर कोई ऐसा करने के बाद पकड़ा जाता है तो उस यात्री पर कार्रवाई की जा सकती है। दरअसल ये रेलवे की प्रोपर्टी मानी जाती है और रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1966 ट्रेन से सामान चुराने पर कार्रवाई का प्रावधान है।

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ऐसे में इस जुर्म के लिए एक साल की सजा हो सकती है और एक हजार रुपए का जुर्माना भी लग सकता है। जेल की सजा 5 साल तक भी बढ़ सकती है।

बेडरोल में क्या क्या होता है?

जब भी आप एसी कोच में सफर करते हैं तो आपको रेलवे की ओर से बेडरोल में दो चादर, एक कंपल, एक तकिया, एक तकिए का कवर और तौलिया शामिल होता है। हालांकि अब रेलवे की ओर से तौलिया कम ही दिया जाता है। वहीं बेडरोल सिर्फ AC क्लास में सफर करने वालों को दिया जाता है।

बेडरोल चोरी का आंकड़ा

हाल के वर्षों के डाटा के मुताबिक 2017-18 में 1.95 लाख तौलिया, 81,776 चादरें, 5,038 तकिये का कवर और 7,043 कंबल चोरी हुए थे। इसी तरह से हर साल बड़ी संख्या बेडरोल का सामान चोरी हो जाता है।

माना जाता है कि इस सामान की वैल्यू करीब 14 करोड़ रुपये है। ऐसे में रेलवे ने अटेंडेंट्स को ट्रेन की यात्रा खत्म होने से आधे घंटे पहले ही बेडरोल का सामान इकट्ठा करने की सलाह दी गई थी ताकि लोग इनकी चोरी ना कर सके।