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पश्चिमी विक्षोभ के आने से इन राज्यों में होगी जमकर बारिश, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

राजस्थान की ओर से आने वाली गर्म हवाओं (Warm Winds) ने शहर के मौसम में अचानक परिवर्तन (Sudden Change) कर दिया है। दिनभर में तेज धूप (Bright Sunshine) के कारण अधिकतम तापमान....
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Weather Update Today (1)
   

राजस्थान की ओर से आने वाली गर्म हवाओं (Warm Winds) ने शहर के मौसम में अचानक परिवर्तन (Sudden Change) कर दिया है। दिनभर में तेज धूप (Bright Sunshine) के कारण अधिकतम तापमान (Maximum Temperature) 32.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया।

जो माघ मास में फाल्गुन के मौसम का आभास कराता है। इस तापमान वृद्धि ने धूप की चुभन (Sunburn) में इजाफा किया है।

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विभाग की चेतावनी और पूर्वानुमान

मौसम विभाग (Weather Department) के अनुसार, जम्मू कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के आगमन से हवाओं का रुख (Wind Direction) दक्षिण की ओर हो जाएगा।

इस बदलाव के साथ 20 से 21 फरवरी के बीच गरज-चमक (Thunderstorms) के साथ बारिश (Rainfall) की संभावना है, जिसमें तेज हवाओं (Strong Winds) का भी अनुमान है। भिंड, मुरैना, और श्योपुर में ओले (Hailstorms) गिरने की भी संभावना है।

तापमान में उतार-चढ़ाव

अधिकतम और न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) में हुए बदलाव ने दिन और रात के तापमान में स्पष्ट अंतर ला दिया है। सोमवार को न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जिससे रात में सर्दी (Cold) का असर कम रहा। सूर्योदय (Sunrise) के साथ ही सूरज की तल्खी में वृद्धि हुई और दोपहर में धूप की चुभन अधिक रही।

मौसम विभाग का अनुमान और सलाह

मौसम विभाग का कहना है कि जम्मू कश्मीर में दो पश्चिमी विक्षोभ (Dual Western Disturbances) के आने से ग्वालियर और चंबल संभाग के मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव (Significant Change) आएगा। इस क्षेत्र में बारिश के साथ-साथ हल्के ओले गिरने की भी संभावना है।

क्यों बदला मौसम?

पश्चिमी दिशा से आने वाली इन हवाओं ने राजस्थान से गर्माहट (Heat) और नमी (Humidity) लेकर आई हैं, जिससे दिन और रात के तापमान में वृद्धि हुई है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश के साथ लगे हिस्सों में इसका अधिक प्रभाव (Greater Impact) देखने को मिलेगा।

बदलाव के असर

मौसम में आए इस बदलाव से कीड़ों की उड़ान (Insect Flight) शुरू हो गई है, जिससे वाहन चलाने में दिक्कतें (Driving Difficulties) आ रही हैं। किसानों की फसलों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव (Negative Impact) पड़ रहा है।

गर्मी के कारण फसलें जल्दी पकने (Early Ripening) लगेंगी और पानी की अधिक आवश्यकता (Increased Water Demand) होगी। सर्दियों में बोई गई सब्जियाँ भी खराब हो सकती हैं।