इन 7 राज्यों में आठ नई रेल्वे लाइन परियोजनाओं को मिली मंजूरी, इन जगहों पर बनाए जाएंगे 64 नए रेल्वे स्टेशन
भारतीय केंद्र सरकार ने आधुनिकीकरण और संपर्क सुविधा को बढ़ावा देने के लिए आठ नई रेल लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इन परियोजनाओं के माध्यम से यात्रा और माल ढुलाई की लागत कम करने के साथ ही राज्यों के बीच कनेक्टिविटी में भी वृद्धि होगी. इस योजना से खास तौर पर बिहार, झारखंड, उड़ीसा, बंगाल और महाराष्ट्र सहित पूर्वोत्तर के राज्यों को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है. इस परियोजना के तहत 64 स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा जो न केवल यात्री सुविधाओं को बढ़ाएंगे बल्कि क्षेत्रीय विकास में भी योगदान देंगे.
रेल मंत्री का संबोधन और परियोजनाओं का महत्व
हाल ही में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मीडिया को संबोधित किया. मंत्री ने बताया कि ये परियोजनाएं हाल ही में पारित बजट की 'पूर्वोदय' योजना के अनुकूल हैं, जिसमें पूर्वोत्तर राज्यों की ओर विशेष ध्यान दिया गया है. इस पहल के तहत न सिर्फ आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा बल्कि क्षेत्रीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
नेपाल से बिहार-झारखंड का सफर होगा आसान
'प्रधानमंत्री गति शक्ति परियोजना' के अंतर्गत नई रेल लाइनों के निर्माण की योजना बड़े पैमाने पर रखी गई है जिसे वर्ष 2030-31 तक पूरा किया जाएगा. इस योजना के तहत भागलपुर के पास गंगा पर 26 किलोमीटर लंबी बिक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन के साथ ब्रिज का निर्माण किया जाएगा, जिससे नेपाल से बिहार होते हुए झारखंड तक पहुंचना काफी आसान हो जाएगा.
माल ढुलाई में होगी बढ़ोतरी
नई रेल लाइनों की योजना से कृषि उत्पादन, उर्वरक, कोयला, लोहा अयस्क, स्टील, सीमेंट, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, चूना पत्थर, अल्युमिनियम पाउडर और गिट्टी जैसे सामान की ढुलाई को और आसान बना देगी. इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी.
सात राज्यों के बीच संपर्क होगा आसान
इस परियोजना के माध्यम से पूर्वोत्तर के सात राज्यों के 14 जिलों के बीच संपर्क बढ़ जाएगा. नई रेल लाइनों पर 64 नए स्टेशनों का निर्माण होगा जो सिंहभूम, कालाहांडी, मलकानगिरि, नवरंगपुर, रायगढ़ को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. इस परियोजना से 510 गांवों की लगभग 40 लाख आबादी को विकास के नए अवसर मिलेंगे.