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एक घर में कितने इलेक्ट्रिक मीटर लगाने की है परमिशन, जाने क्या कहता है नियम

आधुनिक समाज में बिजली न केवल एक सुविधा है बल्कि एक जरूरत बन गया है. इसकी जरूरत विशेषकर तब पड़ती है जब बिजली कटौती होती है.
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Electric Meter: आधुनिक समाज में बिजली न केवल एक सुविधा है बल्कि एक जरूरत बन गया है. इसकी जरूरत विशेषकर तब पड़ती है जब बिजली कटौती होती है. हमारे घरों में लगे इलेक्ट्रिक मीटर हमें यह बताते हैं कि हम कितनी बिजली खर्च कर रहे हैं. ये मीटर हमें हमारे मासिक बिजली के खर्चे की जानकारी देते हैं जिससे बिल तैयार किया जाता है.

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घर में मीटर की व्यवस्था

आम तौर पर हर घर में एक मीटर (one meter per house) लगाया जाता है. यह व्यवस्था इस बात को सुनिश्चित करती है कि बिजली का उपयोग और बिलिंग (billing) पारदर्शी और सही तरीके से हो. हालांकि यदि कोई अपने फ्लैट की रजिस्ट्री अलग करवा ले तो वह उसके आधार पर अलग से मीटर भी लगवा सकता है. इससे प्रत्येक फ्लैट में बिजली की खपत का सही हिसाब रखा जा सकता है.

एक घर में एक से अधिक बिजली कनेक्शन

नवीन नियमों (new regulations) के अनुसार एक ही घर में अलग-अलग परिवार रह रहे हों तो उन्हें बिना किसी बंटवारे के अलग-अलग मीटर ले सकते हैं. यह व्यवस्था संयुक्त परिवारों में बिजली के बिल को लेकर होने वाले विवादों (dispute resolution) से मुक्ति दिलाती है. घर में बिजली कनेक्शन के लिए आमतौर पर सिंगल फ़ेज मीटर की आवश्यकता होती है लेकिन अगर घर का लोड 4 किलोवाट से ज्यादा है तो थ्री फेज कनेक्शन (three-phase connection) की जरूरत पड़ सकती है.

रेंट एग्रीमेंट के आधार पर अलग मीटर

कई बार, लोग बहुमंजिला घरों का निर्माण करते हैं और उन्हें बाद में किराए पर देते हैं. किराएदार के साथ हुए रेंट एग्रीमेंट के आधार पर अलग मीटर लगवाना संभव है. यह व्यवस्था किरायेदारों को अपने बिजली के उपयोग का सही हिसाब रखने में मदद करती है. हालांकि इसके लिए यह आवश्यक है कि एग्रीमेंट तीन महीने से ज्यादा पुराना न हो.

इस तरह से बिजली के उपयोग और बिलिंग की यह व्यवस्था हमारी जीवनशैली को और अधिक आसान और सुव्यवस्थित बनाती है. इसके माध्यम से हमें न केवल बिजली की खपत का सही गिनती होती है बल्कि यह हमें अपने बिजली के बिल को सही तरीके से समझने में भी मदद करती है.