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कर्मचारियों ने सरकारी बसों के चक्का जाम की दी चेतावनी, इस राज्य में सरकारी बस सेवाओं पर पड़ सकता है असर Roadways Strike

पनबस-पी.आर.टी.सी. कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने जालंधर बस स्टैंड में एक आपात बैठक का आयोजन किया जहां लंबित मांगों के समाधान की मांग की गई.
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Roadways Strike: पनबस-पी.आर.टी.सी. कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने जालंधर बस स्टैंड में एक आपात बैठक का आयोजन किया जहां लंबित मांगों के समाधान की मांग की गई. यूनियन के प्रवक्ताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को तुरंत असर से हल नहीं किया जाता है तो वे सरकारी बसों का चक्का जाम कर देंगे और उपचुनावों में सरकार के खिलाफ रोष रैलियां भी आयोजित करेंगे.

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यूनियन की प्रमुख मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया 

यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रेशम सिंह गिल और प्रदेश महासचिव शमशेर सिंह ढिल्लों ने बताया कि उनकी मांगें कई बार ठंडे बस्ते में डाल दी गई हैं. विशेषकर कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने (Regularization of Contractual Workers) की मांग जोर शोर से उठाई गई. उन्होंने जोर दिया कि पिछले समय के दौरान दिए गए आश्वासनों के बावजूद उनकी मांगें अनसुनी की गई हैं.

आगे की रणनीति और प्रदर्शन की योजना

कमेटी की रिपोर्ट को लागू करवाने की मांग के साथ यूनियन ने घोषणा की कि वे सरकार को जगाने के लिए सड़कों पर उतरेंगे और मंत्रियों की रिहायशों का घेराव करेंगे. आने वाले दिनों में सरकारी कार्यक्रमों में काले झंडे (Black Flag Protests) दिखाने की योजना भी है. इस मौके पर दलजीत सिंह जल्लेवाल, हरकेश कुमार, चानन सिंह चन्ना, सतपाल सिंह, गुरप्रीत खुल्लर जैसे कई यूनियन नेता मौजूद थे.