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जल्द ही कांच की जगह प्लास्टिक बोत्तल में बिकेगी अंग्रेजी शराब, इस डिसीजन से इन लोगों को होगा तगड़ा फायदा

हाल के दिनों में कांच की कीमतों में आई बढ़ोतरी ने अंग्रेजी शराब की पैकिंग उद्योग को एक नई दिशा दी है। पहले जहां अंग्रेजी शराब कांच की बोतलों में उपलब्ध होती थी वहीं अब उद्योग जगत प्लास्टिक की बोतलों की ओर रुख कर रहा है।
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हाल के दिनों में कांच की कीमतों में आई बढ़ोतरी ने अंग्रेजी शराब की पैकिंग उद्योग को एक नई दिशा दी है। पहले जहां अंग्रेजी शराब कांच की बोतलों में उपलब्ध होती थी वहीं अब उद्योग जगत प्लास्टिक की बोतलों की ओर रुख कर रहा है। आबकारी विभाग के अनुसार जहां पहले एक पव्वे की कांच की बोतल की कीमत आठ से दस रुपये होती थी वह अब बढ़कर पंद्रह रुपये हो गई है। इस बढ़ती हुई लागत ने कंपनियों को पैकेजिंग में बदलाव करने को प्रेरित किया है।

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प्लास्टिक की बोतलों की ओर रुख

बड़ी शराब कंपनियां अब प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करने की तैयारी में हैं। इसे 'हिप बॉटल' कहा जा रहा है ताकि यह नाम सुनने में आकर्षक लगे और ग्राहकों को यह अधिक अपील करे। आबकारी विभाग के एक बैठक में जिसमें अनेक कंपनी संचालकों ने भाग लिया इस नई पैकिंग के बारे में चर्चा की गई। सहायक आबकारी अधिकारी सांख्यिकी एसबी मोडवेल ने बताया कि नई पैकिंग न केवल आकर्षक लगती है बल्कि इससे टूटने का खतरा भी नहीं रहता।

 खोज और सुरक्षा 

अब तक अंग्रेजी शराब के कुछ ब्रांड्स टेट्रा पैक में उपलब्ध थे जिन्हें उतना पसंद नहीं किया गया। हालांकि टेट्रा पैक की लागत कम होती है फिर भी यूजर्स ने इसे अपनाने में हिचकिचाहट दिखाई। इस संदर्भ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. आईआर सिद्दीकी के अनुसार प्लास्टिक में अल्कोहल रखने से आमतौर पर कोई हानि नहीं होती हालांकि कुछ विशेष प्रकार के प्लास्टिक जैसे कि पीवीसी या पॉली कार्बोनेट में रखने से बचना चाहिए।

बाजार में बदलाव की संभावना

यह परिवर्तन न केवल पैकेजिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि यह उपभोक्ता वरीयताओं और बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप अनुकूलन का भी प्रतीक है। जैसे-जैसे कंपनियां इस नए प्रारूप को अपनाएंगी वैसे-वैसे बाजार में इसके प्रभाव को मापना दिलचस्प होगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कैसे उपभोक्ता इस बदलाव को स्वीकार करते हैं और यह उनके खरीदारी पैटर्न पर किस प्रकार का असर डालता है।