home page

इतना पढ़ा लिखा होने के बाद भी नही बता पाएंगे JCB का असली नाम, जाने JCB का रंग पीला ही क्यों होता है

देश भर में अवैध इमारतों और ढांचों को गिराने के लिए एक खास मशीन का प्रयोग किया जाता है। यह जेसीबी मशीन कहलाता है। पीले रंग की ये मशीन इतनी बड़ी हैं कि आसानी से बड़े-बड़े ढांचों को गिरा सकते हैं।
 | 
Real name of JCB machine
   
देश भर में अवैध इमारतों और ढांचों को गिराने के लिए एक खास मशीन का प्रयोग किया जाता है। यह जेसीबी मशीन कहलाता है। पीले रंग की ये मशीन इतनी बड़ी हैं कि आसानी से बड़े-बड़े ढांचों को गिरा सकते हैं। साथ ही, कंस्ट्रक्शन साइट्स पर जेसीबी मशीनों का खुदाई भी आम है।

बुलडोजर, इमारतों को ढहाने के लिए दूसरी मशीन है। सड़क निर्माण में भी बुलडोजर का उपयोग किया जाता है। लेकिन इसकी एक विशेषता यह है कि इसका रंग भी जेसीबी मशीन की तरह पीला रहता है। क् या आपने कभी सोचा है कि बुलडोजर और जेसीबी मशीन का रंग पीला क्यों होता है?

बुलडोजर और जेसीबी मशीन आज पीले हैं, लेकिन पहले लाल और सफेद होते थे। बाद में कुछ विशिष्ट कारणों को देखते हुए उनका रंग पीला किया गया। दरअसल, मशीनों की मांग बढ़ने पर कंपनी ने इस मशीन का रंग बदलना शुरू किया था। इसके बावजूद, इसका कारण बढ़ती मांग के बजाय सुरक्षा था।

इसका पीला रंग क्यों है

वास्तव में, लाल और सफेद रंग की जेसीबी मशीनें कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करते हुए दूर से दिखाई देने में दिक्‍कत आती थी। वहीं, रात में सफेद-लाल मशीनें दिखाई नहीं देती थीं। बाद में कंपनियों ने जेसीबी मशीन को दूर से देखने के लिए पीला रंग कर दिया। ये पीले रंग की वजह से रात में भी स्पष्ट दिखते हैं।

अब हम आपको बता देंगे कि इस मशीन का मूल नाम जेसीबी नहीं है। इस मशीन को बनाने वाली कंपनी जेसीबी कहलाती है। 1945 में जोसेफ सिरिल बामफोर्ड ने इसे बनाने वाली कंपनी जोसेफ सिरिल बामफोर्ड एक्सावेटर्स लिमिटेड की स्थापना की। दरअसल, अब इस मशीन का नाम ही कंपनी का नाम है।

जेसीबी मशीन का असली नाम

जिसे हम जेसीबी मशीन कहते हैं उसका असली नाम बैकहो लोडर है। यांत्रिक खुदाई करने वाले भारत, ब्रिटेन और आयरलैंड में अक्सर जेसीबी शब्द का इस्तेमाल करते हैं। जेसीबी शब्द अब ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में भी दिखाई देने लगा है। लेकिन यह अभी भी एक ट्रेडमार्क है।

1953 में जेसीबी कंपनी ने पहला बैकहो लोडर बनाया था। 1945 में पहले भी इसका एक मॉडल बनाया गया था। लेकिन उस मॉडल में परिवर्तन हुआ था। 1953 में बनाने के बाद इसे नीला और लाल रंग दिया गया। फिर इसे लाल और सफेद बनाया गया। आखिर में सुरक्षा कारणों की वजह से इसका रंग पीला किया गया।