शादी के बाद भी इन लड़कियों की इच्छा रहती है अधूरी, मजबूरी में आकर करना पड़ता है ये काम
आचार्य चाणक्य जिन्हें एक महान अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है। आचार्य चाणक्य ने महिलाओं की आत्मनिर्भरता पर गहरा जोर दिया। उनके अनुसार पारिवारिक जीवन में महिलाओं को पुरुषों पर पूर्णतया निर्भर नहीं रहना चाहिए।
चाणक्य ने बताया कि जब महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती हैं, तब उनकी व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में इच्छाएं पूरी होती हैं। आचार्य चाणक्य के ये विचार न केवल प्राचीन समय में बल्कि आज के समाज में भी महिलाओं के लिए एक दिशानिर्देश का काम करते हैं।
उनकी नीतियां यह बताती हैं कि महिलाओं को अपने जीवन में सशक्त, स्वावलंबी और सम्मानित होना चाहिए। आचार्य चाणक्य की ये अमूल्य शिक्षाएं आज भी हमें प्रेरित करती हैं और महिलाओं को उनकी असीमित क्षमताओं का एहसास कराती हैं।
बुद्धिमत्ता और साहस की प्रतीक
चाणक्य ने महिलाओं को बुद्धिमानी और साहस का आदर्श माना। उन्होंने कहा कि महिलाएं पुरुषों से चार गुना ज्यादा बुद्धिमान होती हैं और पारिवारिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभाती हैं। यही नहीं महिलाओं को उन्होंने छह गुना ज्यादा साहसी भी बताया। इसके माध्यम से चाणक्य ने महिलाओं की शक्ति और क्षमता को पहचानने की बात की है।
पुरुष पर स्त्री की निर्भरता
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि परिवार की स्त्री या पत्नी को पुरुष के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए। कई शास्त्रों में यह भी सलाह दी गई है कि स्त्री को किसी और के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसा करने से उसका अपना अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है और उसकी सारी इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं।
तमाम क्षमताओं के बावजूद ऐसी महिलाएं कभी भी उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती हैं, जिसकी वे हकदार होती हैं। दरअसल आचार्य चाणक्य कहते हैं कि महिलाओं को शिक्षित और मजबूत बनाएं। इसे आत्मनिर्भर बनाएं। जब वह खुद पैसा कमाएगा तो उसे किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा।
पुरुषों से चार गुना ज्यादा बुद्धिमान
चाणक्य कहते हैं कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा बुद्धिमान होती हैं। तेज बुद्धि होने के कारण महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभाती हैं। ये अपनी सूझबूझ से हर समस्या का सामना करने में सक्षम होते हैं। आचार्य चाणक्य का कहना है कि महिलाएं पुरुषों से चार गुना ज्यादा बुद्धिमान होती हैं।
पुरुषों से 6 गुना ज्यादा साहसी
महिलाओं में पुरुषों की तुलना में शारीरिक शक्ति कम होती है, लेकिन साहस के मामले में महिलाएं पुरुषों से कम नहीं हैं। चाणक्य के अनुसार महिलाएं पुरुषों से छह गुना ज्यादा साहसी होती हैं। वह अपने साहस से किसी भी चीज का सामना कर सकती हैं।
पुरुषों से 8 गुना ज्यादा होती है कामुकता
चाणक्य के अनुसार महिलाएं पुरुषों की तुलना में आठ गुना अधिक कामुक होती हैं। चाणक्य नीति के एक श्लोक में महिलाओं को कामोष्टागुण बताया गया है। यानी महिलाएं पुरुषों से आठ गुना ज्यादा कामुक होती हैं। यानी महिलाएं इस मामले में पुरुषों से कई गुना आगे हैं।
समाज में महिलाओं का स्थान
आचार्य चाणक्य की नीतियां महिलाओं के लिए एक मजबूत नींव प्रदान करती हैं, जिस पर वे अपने जीवन को सशक्त और समृद्ध बना सकती हैं। इससे न केवल उनका व्यक्तिगत विकास होता है, बल्कि वे समाज में भी एक सम्मानजनक स्थान प्राप्त करती हैं।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। CANYON SPECIALITY FOODS इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)