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शादी के बाद भी महिलाओं की ये इच्छाएं रह जाती है अधूरी, मजबूर होकर करना पड़ता है ये काम

भारतीय इतिहास में आचार्य चाणक्य का नाम एक ऐसे अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ के रूप में उल्लेखित है जिन्होंने न केवल राजनीति बल्कि सामान्य जीवन में भी अपनी नीतियों से मार्गदर्शन किया है।
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Chanakya Niti for husband wife (4)
   

भारतीय इतिहास में आचार्य चाणक्य का नाम एक ऐसे अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ के रूप में उल्लेखित है जिन्होंने न केवल राजनीति बल्कि सामान्य जीवन में भी अपनी नीतियों से मार्गदर्शन किया है। नीति शास्त्र में उनके द्वारा बताई गई नीतियाँ आज भी हमें जीवन के कई पहलुओं में मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

चाणक्य के नीति शास्त्र ने न केवल प्राचीन भारतीय समाज में बल्कि आधुनिक समाज में भी महिलाओं के विकास और उनकी स्वतंत्रता के महत्व को रेखांकित किया है। उनके विचार आज भी हमें यह सिखाते हैं कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं और उन्हें अपने अधिकारों के लिए खड़े होने की जरूरत है।

महिलाओं की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता

आचार्य चाणक्य के अनुसार परिवार की स्त्री या पत्नी को कभी भी पुरुष के भरोसे नहीं रहना चाहिए। उनका मानना था कि एक स्त्री को अपनी शिक्षा और मजबूती पर ध्यान देना चाहिए ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके। उनकी यह शिक्षा आज भी महिलाओं के लिए प्रासंगिक है, जो उन्हें स्वयं के पैरों पर खड़ा होने का संदेश देती है।

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बुद्धिमत्ता और साहस में महिलाएं पुरुषों से आगे

चाणक्य ने यह भी कहा कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा बुद्धिमान होती हैं और उनमें साहस भी कहीं अधिक होता है। यह दर्शाता है कि चाणक्य ने महिलाओं की क्षमताओं को पहचाना और सम्मानित किया। उनके अनुसार महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारियों को उत्तम तरीके से निभाती हैं और हर समस्या का सामना अपनी सूझबूझ से कर सकती हैं।

कामुकता में महिलाओं का आगे होना

चाणक्य की नीतियों में एक ऐसी भी नीति है जिसमें उन्होंने महिलाओं को पुरुषों से आठ गुना ज्यादा कामुक बताया है। यह नीति आज भी कई विवादों का कारण बनती है। हालांकि इसे समझने की जरूरत है कि चाणक्य ने यह बातें उस समय के संदर्भ में कही थी, जब समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण अलग था।

समाज में महिलाओं का स्थान

आचार्य चाणक्य के विचारों से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने महिलाओं की शिक्षा, आत्मनिर्भरता, बुद्धिमत्ता और साहस को महत्व दिया था। उनकी यह शिक्षाएं आज भी हमें प्रेरित करती हैं कि महिलाओं को समाज में बराबरी का स्थान मिलना चाहिए। चाणक्य के विचार महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए आज भी प्रासंगिक हैं।