पढ़े लिखे लोग भी नही जानते रोटी और चपाती के बीच अंतर, अगर नही पता तो आज जान लो सही जानकारी
हम सभी घरों में रोटी बनाते हैं, लेकिन आपने कभी सोचा है कि ये शब्द आखिर कहां से आया? इस शब्द को किस भाषा से लिया गया है और इस तरह चलन में आया है। यह भी चपाती कहलाता है. इन दो शब्दों में क्या अंतर है? बहुत सी चीजें हैं, जिन्हें हम अक्सर उपयोग करते हैं।
लेकिन कभी नहीं सोचते कि उनका इतिहास क्या है? रोटी मानव जन्म के बाद सबसे पहले खाना है। हमारे जीवन में रोटी अनिवार्य है, लेकिन ये शब्द कहां से आया?
रोटी और चपाती के बीच का अंतर
कुछ लोग रोटी और चपाती का अंतर जानते हैं, लेकिन कुछ लोग अभी भी अनजान हैं। इन दोनों के बीच कुछ तकनीकी अंतर है भी या नहीं? रोटी सबसे पहले सामने आई। दरअसल, रोटी शब्द मूलतः संस्कृत से आता है। संस्कृत शब्द रोटिका से रोटी बन गया और इसके बाद यह शब्द प्रचलित हो गया।
यह अनाज को पीसकर तवे पर सेंकी गई गोल, चपटी टिकिया को बताता है। जबकि कुछ लोग इसे फारसी शब्द भी कहते हैं, अधिकांश लोग मानते हैं कि यह संस्कृत के रोटिका शब्द से बना है। जब हम चपाती की बात करते हैं, तो ये शब्द संस्कृत के शब्द चर्पट से निकला है।
चर्पट का अर्थ है चांटा, चपेट या थप्पड़। चर्पट से बना चर्पटी और फिर चपाती बन गया। ये शब्द संस्कृत से फारसी में आया और चपात कहलाया, जो फिर चपाती बन गया।
रोटी और चपाती बनाने का तरीका
उसे चपाती कहते हैं, जिसमें ज़रा गीला आटा लगाया जाता है और हाथ से ही उसे बढ़ाते हैं। ये चपाती कहलाई क्योंकि इस प्रक्रिया में हाथों से थाप-थापकर या फिर चपत लगाकर चपटा बनाते हैं। रोटी का आटा बेलकर बनाया जाता है और चपाती से ज़रा सख्त होता है। ये चपाती से पतली होती हैं और केवल तवे पर फूलते हैं।
फुल्का भी रोटी का नाम है। ये सबसे हल्की रोटी है। ये काफी छोटा और पतला होता है। इसे सीधे तेज आंच पर पकाकर फुलाया जाता है। बहुत से लोग ये कागज़ी और हल्की रोटी पसंद करते हैं।