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पढ़े लिखे लोग भी नही जानते फ्लाईओवर और ओवर ब्रिज के बीच अंतर, 99 प्रतिशत लोगों को आज भी नही पता ये मामूली जानकारी

भारत (India) में तेजी से बढ़ते शहरीकरण (Urbanization) और आधुनिकीकरण (Modernization) के चलते यातायात (Traffic) की समस्याओं से निपटने के लिए एक्सप्रेसवे (Expressways), हाईवे (Highways) और सुदृढ़ सड़कों (Robust Roads) का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।
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भारत (India) में तेजी से बढ़ते शहरीकरण (Urbanization) और आधुनिकीकरण (Modernization) के चलते यातायात (Traffic) की समस्याओं से निपटने के लिए एक्सप्रेसवे (Expressways), हाईवे (Highways) और सुदृढ़ सड़कों (Robust Roads) का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इसी क्रम में फ्लाईओवर (Flyover) और ओवरब्रिज (Overbridge) जैसे निर्माणों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

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फ्लाईओवर और ओवरब्रिज में अंतर

अक्सर लोग फ्लाईओवर और ओवरब्रिज को एक ही समझ बैठते हैं, लेकिन दोनों के बीच महत्वपूर्ण अंतर (Difference) होते हैं। फ्लाईओवर का निर्माण मुख्यतः ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) की समस्या से निजात पाने और यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से किया जाता है। इसकी अधिकतम लंबाई (Length) सात किलोमीटर तक हो सकती ह जो इसे बड़े शहरी क्षेत्रों (Urban Areas) में विशेष रूप से महत्वपूर्ण बनाती है।

दूसरी ओर, ओवरब्रिज का निर्माण सड़क (Road) के ऊपर किया जाता है, जिसका प्रमुख उद्देश्य ट्रेन (Train) को बिना किसी रुकावट के क्रॉस कराना होता है। यह उन स्थानों पर भी निर्मित किया जाता है जहां भारी ट्रैफिक (Heavy Traffic) के कारण सड़क पार करना मुश्किल होता है।

यातायात सुगमता की दिशा में नए विचार 

फ्लाईओवर और ओवरब्रिज का निर्माण न केवल यातायात को सुगम बनाने में मदद करता है बल्कि शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर (Urban Infrastructure) में एक नवाचारी (Innovative) योगदान भी देता है। ये निर्माण कार्य न केवल समय की बचत (Time Saving) करते हैं बल्कि ईंधन की खपत (Fuel Consumption) को भी कम करते हैं, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव (Environmental Impact) को भी कम किया जा सकता है।