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पढ़े लिखे लोग भी नही बता पाएंगे हाईवे और एक्सप्रेसवे के बीच का अंतर, जाने भारत में कितनी है दोनों की संख्या

किसी भी देश की आर्थिक प्रगति को मापने का एक पैमाना उसकी सड़कों की स्थिति होती है। अच्छी और सुविधाजनक सड़कें न केवल आवागमन को आसान बनाती हैं। बल्कि देश के विकास की गाथा भी बयां करती हैं।
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diffrence between Highway And Expressway
   

किसी भी देश की आर्थिक प्रगति को मापने का एक पैमाना उसकी सड़कों की स्थिति होती है। अच्छी और सुविधाजनक सड़कें न केवल आवागमन को आसान बनाती हैं। बल्कि देश के विकास की गाथा भी बयां करती हैं। आज हम इसी संदर्भ में दो प्रमुख सड़क प्रकारों हाईवे और एक्सप्रेसवे के बारे में चर्चा करेंगे।

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सड़कें केवल आवागमन का माध्यम नहीं हैं। बल्कि ये देश की आर्थिक समृद्धि और सामाजिक विकास के प्रतीक हैं। हाईवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण और विकास देश के आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के साथ-साथ लोगों की जीवनशैली में सुधार लाने का काम करता है।

इसलिए इन सड़कों का संरक्षण और उन्नयन नितांत आवश्यक है। ताकि आने वाले समय में भी ये हमारे समाज की उन्नति में योगदान दे सकें।

देश के हाईवे और एक्सप्रेसवे का आधारभूत विवरण

आज की तारीख में देश में कुल 23 एक्सप्रेसवे हैं और इनकी संख्या में वृद्धि हो रही है। जबकि 18 अन्य पर काम जारी है। हाईवे की संख्या 599 है जिनकी कुल लंबाई लगभग 1.32 लाख किलोमीटर है। NH44 जो श्रीनगर से कन्याकुमारी तक फैला है देश का सबसे लंबा हाईवे है इसकी लंबाई 3745 किलोमीटर है। 

एक्सप्रेसवे की विशेषताएं और महत्व

एक्सप्रेसवे जिन्हें हाई-स्पीड वाहनों के लिए डिज़ाइन किया गया है में आमतौर पर 6 से 8 लेन होते हैं। इन्हें विशेष रूप से तेज़ गति वाले ट्रैफिक के लिए बनाया जाता है और इन पर दोपहिया वाहनों सहित धीमी गति वाले वाहनों की अनुमति नहीं होती है।

इसमें विशेष प्रवेश और निकासी द्वार (रैम्प) होते हैं। जिससे वाहन निर्धारित स्थानों पर ही एक्सप्रेसवे में प्रवेश या निकास कर सकते हैं। एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य दो स्थानों के बीच की यात्रा का समय कम करना है। जिससे यातायात का प्रवाह सुचारू रूप से हो सके।

हाईवे की परिभाषा और उद्देश्य

हाईवे जो अधिकतर बड़े शहरों या गांवों को जोड़ते हैं मुख्यतः 2 या 4 लेन वाली बड़ी सड़कें होती हैं। ये लंबी दूरियों को तय करने के लिए निर्मित की जाती हैं और इन पर ज्यादातर लंबी दूरी तय करने वाले वाहन चलते हैं।

हाईवे पर चलने के लिए निश्चित नियम और मानक होते हैं और ये सड़कें कई शहरों और गांवों को आपस में जोड़ते हुए विस्तृत दूरी तय करती हैं।

हाईवे और एक्सप्रेसवे में मूलभूत अंतर

एक्सप्रेसवे और हाईवे के बीच का अंतर उनके डिज़ाइन, उद्देश्य और उपयोगिता में निहित है। एक्सप्रेसवे हाई स्पीड ट्रैफिक के लिए बनाए जाते हैं और इनमें लेनों की संख्या अधिक होती है। वहीं हाईवे अधिक व्यापक और विविध प्रकार के ट्रैफिक को संभालने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।

भविष्य की दिशा में एक कदम

जैसे-जैसे देश विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण और विकास इस प्रगति के महत्वपूर्ण अंग बन गए हैं। इन सड़कों का विकास न केवल आवागमन को सुविधाजनक बनाता है।

बल्कि देश के आर्थिक विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देता है।  एक्सप्रेसवे और हाईवे का विकास देश के भविष्य की दिशा निर्धारित करने में सहायक होता है।