होशियार लोग भी नही बता पाएंगे रोटी और चपाती के बीच अंतर, रेस्टोरेंट में खाना खाते वक्त काम आएगी ये बात
भारतीय रसोई में रोटी का विशेष स्थान है। गेहूं के आटे से बनी रोटी न केवल हमारी भूख को शांत करती है। बल्कि यह हमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन और अन्य जरूरी मिनरल्स भी प्रदान करती है। ये पोषक तत्व हमारे दैनिक जीवन में ऊर्जा का मुख्य स्रोत हैं और शरीर के समुचित विकास में मदद करते हैं।
इन दोनों प्रकार की रोटियों की अपनी विशेषताएं हैं और भोजन की थाली में इनका अपना अलग स्थान है। भारतीय संस्कृति में रोटी और चपाती दोनों का ही महत्वपूर्ण स्थान है और ये दोनों ही विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के साथ परोसी जाती हैं। चाहे वह दाल हो, सब्जी हो या अन्य कोई भी व्यंजन, रोटी और चपाती इनके साथ भोजन का आनंद दोगुना कर देती हैं।
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रोटी और चपाती की विशिष्टताएं
भारत में अधिकांश लोग रोटी और चपाती को समान मानते हैं, क्योंकि दोनों ही गेहूं के आटे से बनते हैं और देखने में समान लगते हैं। हालांकि इन दोनों के बीच मुख्य अंतर इनके तैयार करने के तरीके में होता है।
चपाती का आटा गीला और नरम गूंथा जाता है, जिससे इसे आसानी से हाथों से बनाया जा सकता है। इसके विपरीत रोटी के लिए आटा कुछ सख्त गूंथा जाता है और इसे चकला-बेलन का उपयोग करके बेला जाता है।
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रोटी और चपाती मे अंतर
रोटी बनाते समय चकला और बेलन की मदद से आटे को बराबर और पतला बेला जाता है। जिसे बाद में तवे पर सेंका जाता है। इसके अलावा रोटी आमतौर पर चपाती के मुकाबले पतली होती है। वहीं चपाती को आमतौर पर हाथों से ही बनाया जाता है और इसे गोलाकार में पलटते हुए पकाया जाता है। जो इसे थोड़ा मोटा बनाता है।