Expensive Property in India: भारत के इन इलाको में प्रॉपर्टी खरीदने के नाम से डरते है करोड़पति लोग, देश की सबसे महंगी जगह मानी जाती है यहां की जमीन
Expensive Property in India: भारत में अमीरों (Wealthy) की संख्या में तेजी से वृद्धि के साथ, देश के कुछ इलाके इतने महंगे बन गए हैं कि वहां रहना करोड़पतियों (Millionaires) के लिए भी एक चुनौती बन गया है। आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही पॉश और महंगे रेसिडेंशियल इलाकों (Expensive Residential Locations) के बारे में बताने जा रहे हैं।
मुंबई का ताड़देव और बेंगलुरु का सदाशिव नगर
मुंबई का ताड़देव (Tardeo, Mumbai) एक ऐसा इलाका है जहां की प्रॉपर्टी के एवरेज रेट करीब 52 हजार रुपये प्रति फुट हैं। यहां 2 बीएचके (2 BHK) फ्लैट की कीमतें 3 से 4 करोड़ रुपये के बीच होती हैं। वहीं, बेंगलुरु के सदाशिव नगर (Sadashiv Nagar, Bengaluru) में भी प्रॉपर्टी की कीमतें काफी अधिक हैं और इस इलाके के निवासी ज्यादातर अरबपति हैं।
दिल्ली के गोल्फ लिंक्स और मुंबई के मालाबार हिल्स
दिल्ली का गोल्फ लिंक्स (Golf Links, Delhi) एक ऐसा इलाका है जहां प्रॉपर्टी की कीमतें 1.62 लाख रुपये प्रति वर्गफुट हैं। इसी प्रकार, मुंबई के मालाबार हिल्स (Malabar Hills, Mumbai) में भी प्रॉपर्टी के रेट 75,742 रुपये प्रति वर्ग फुट हैं। ये इलाके अपनी प्राइम लोकेशन और उच्चतम लिविंग स्टैंडर्ड्स (Living Standards) के लिए जाने जाते हैं।
चंडीगढ़ का सेक्टर 5 और कोलकाता का न्यू अलीपुर
चंडीगढ़ के सेक्टर 5 (Sector 5, Chandigarh) में प्रॉपर्टी की कीमतें असाधारण रूप से उच्च हैं, जहां विलाओं की कीमत 120 करोड़ रुपये तक पहुंचती है। कोलकाता के न्यू अलीपुर (New Alipore, Kolkata) में भी प्रॉपर्टी के रेट 76,900 रुपये प्रति वर्ग फुट हैं। इसी तरह, हैदराबाद के बंजारा हिल्स (Banjara Hills, Hyderabad) में भी प्रॉपर्टी की कीमतें अत्यधिक महंगी हैं।
पॉश इलाकों में रहने की चुनौतियां
ये पॉश इलाके न केवल अपनी महंगी जमीनों के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि यहां की लाइफस्टाइल (Lifestyle) और सुविधाएं भी अनूठी हैं। लेकिन, इन इलाकों में रहना सिर्फ आर्थिक रूप से सक्षम लोगों के लिए ही संभव है। इसलिए, करोड़पति भी इन इलाकों में प्रॉपर्टी खरीदने से पहले बार-बार सोचते हैं।
इन महंगे इलाकों के बारे में जानना न सिर्फ रियल एस्टेट (Real Estate) के बारे में हमारी समझ को बढ़ाता है, बल्कि यह हमें देश की आर्थिक वृद्धि (Economic Growth) और विकास की ओर भी इशारा करता है।