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किसान ने रेगिस्तान में विदेशी अमरूद की खेती करके कर दिया कमाल, रेगिस्तान में बाग लगाकर कर रहा है मोटी कमाई

राजस्थान (Rajasthan) का नाम आते ही दिमाग में रेगिस्तान (Desert) की विशाल और सुनसान तस्वीरें उभर आती हैं। लेकिन यहाँ की धरती अब केवल रेतीली नहीं रही।
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राजस्थान (Rajasthan) का नाम आते ही दिमाग में रेगिस्तान (Desert) की विशाल और सुनसान तस्वीरें उभर आती हैं। लेकिन यहाँ की धरती अब केवल रेतीली नहीं रही। राजस्थान के किसान (Farmers) अब आधुनिक तकनीकों (Modern Techniques) और उन्नत खेती (Advanced Farming) के जरिए केला (Banana), सेब (Apple), संतरा (Orange), आंवला (Gooseberry), और खजूर (Date Palm) जैसे फलों की सफल खेती कर रहे हैं।

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ताइवानी गुलाबी अमरूद

विशेषत ताइवानी गुलाबी अमरूद (Taiwanese Pink Guava) की खेती ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। नागौर जिले के खींवसर (Khivnsar, Nagaur) में लिखमाराम मेघवाल (Likhamaram Meghwal) जैसे किसानों ने इस खेती को अपनाकर न केवल अपनी आय (Income) को बढ़ाया है बल्कि यह भी साबित किया है कि उचित ज्ञान और संसाधनों के साथ रेगिस्तान में भी हरियाली (Greenery) संभव है।

किसान लिखमाराम की सफलता की कहानी

लिखमाराम ने बंजर जमीन (Barren Land) पर मेहनत और समर्पण से ताइवानी गुलाबी अमरूद का बगीचा (Orchard) तैयार किया है। उन्होंने जैविक खाद (Organic Fertilizer) और वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) का उपयोग करके पौधों की वृद्धि को सुनिश्चित किया है। उनके इस प्रयास से न केवल उत्पादन (Production) में वृद्धि हुई है बल्कि उनकी आय में भी कई गुना बढ़ोतरी हुई है।

जैविक खेती की ओर कदम

लिखमाराम ने अपनी खेती में केवल जैविक खाद का ही उपयोग किया है। उनका मानना है कि जैविक खेती (Organic Farming) से न केवल फसलों की गुणवत्ता (Quality) में सुधार होता है बल्कि यह पर्यावरण (Environment) के लिए भी अच्छा है।