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अगैती फसल से भी किसान भाई हो सकते है मालामाल, बस अपना ले ये तरीका

भारतीय कृषि क्षेत्र में प्रगतिशील परिवर्तनों का एक नया चरण देखने को मिल रहा है जिसमें किसानों द्वारा ढकाऊ पद्धति का उपयोग बहुत बड़ा है
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भारतीय कृषि क्षेत्र में प्रगतिशील परिवर्तनों का एक नया चरण देखने को मिल रहा है जिसमें किसानों द्वारा ढकाऊ पद्धति का उपयोग बहुत बड़ा है. फर्रुखाबाद के किसानों ने इस नई तकनीक को अपनाकर न केवल अपनी फसलों का बेहतर प्रबंधन किया है बल्कि मुनाफा भी खूब कमाया है.

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ढकाऊ पद्धति की जानकारी

ढकाऊ पद्धति जो खेती में नई तकनीक का एक उदाहरण है विशेष रूप से बीजों के अंकुरण के दौरान भूमि में नमी को संरक्षित करने के लिए उपयोग की जाती है. इस पद्धति का मुख्य लाभ यह है कि यह बीज को बाहरी रोगों और कीटों से बचाता है जिससे फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में सुधार होता है.

किसान की सफलता की कहानियाँ

फर्रुखाबाद के कमालगंज विकास खंड के निवासी किसान शिवनंदन ने इस पद्धति को दो दशकों से अपना रहे हैं. शिवनंदन के अनुसार, पहले जहां उन्हें फसलों में भारी नुकसान उठाना पड़ता था, वहीं अब ढकाऊ पद्धति के प्रयोग से उनकी लागत में कमी आई है और उत्पादन में वृद्धि हुई है.

आर्थिक लाभ

इस पद्धति से किसानों को आर्थिक रूप से काफी फायदा हो रहा है. उदाहरण के तौर पर गोभी और पत्ता गोभी की खेती करने वाले किसान अब प्रति किलो 60 रुपये की दर से अपनी फसल बेच रहे हैं और लगभग दो हजार रुपये की लागत से 70 से 80 हजार रुपये तक कमा रहे हैं.

फसलों पर असर 

ढकाऊ पद्धति के उपयोग से फसल चक्र में तेजी आई है और फसलों का उत्पादन समय से पहले शुरू हो जाता है. इससे किसानों को बाजार में बेहतर मूल्य प्राप्त होता है और वे बाजार में प्रतिस्पर्धा में आगे रहते हैं.