लहसुन की खेती करके किसान हो गया मालामाल, प्रति एकड़ हो रही 10 लाख तक की कमाई
फतेहाबाद के गांव कुकड़ावाली के किसानों ने परंपरागत खेती के साथ-साथ प्रोग्रेसिव खेती अपनाकर एक नई मिसाल कायम की है. खासकर लहसुन की खेती कर रहे किसानों ने प्रति एकड़ 8-10 लाख रुपए की आमदनी हासिल की है जो कि परंपरागत खेती की आमदनी से कई गुना अधिक है. इस आमदनी ने न केवल उनकी जीवनशैली को बदल दिया है बल्कि खेती के प्रति उनके दृष्टिकोण को भी पूरी तरह से परिवर्तित कर दिया है.
किसान राजकुमार की खेती की कहानी
राजकुमार, जो कि कुकड़ावाली गांव के एक प्रगतिशील किसान हैं, ने बताया कि परंपरागत फसलों से जहां उन्हें प्रति एकड़ 50-60 हजार रुपए की आमदनी होती थी, वहीं लहसुन की खेती से उन्हें प्रति एकड़ 8-10 लाख रुपए की आमदनी (high income from garlic farming) हो रही है. उन्होंने यह भी बताया कि लहसुन की खेती महंगी और मेहनती जरूर है, लेकिन जितना जोखिम है, उसका फल भी उतना ही मीठा है.
लहसुन की खेती के आर्थिक पहलू
राजकुमार के अनुसार लहसुन की खेती में लगने वाला खर्च प्रति एकड़ लगभग 1 से डेढ़ लाख रुपए है, जबकि उत्पादन से 10 लाख रुपए तक की आमदनी (profit from garlic production) होती है. इससे उन्हें प्रति एकड़ 7-8 लाख रुपए की शुद्ध बचत होती है. यह खेती उन्हें न केवल आर्थिक रूप से समृद्ध बना रही है बल्कि एक उदाहरण भी पेश कर रही है कि कैसे नई तकनीक की खेती के तरीकों को अपनाकर बेहतर आमदनी ली जा सकती है.
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लहसुन की मांग और उपज
राजकुमार ने यह भी बताया कि लहसुन की मांग पूरे देश में है और उनका लहसुन गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में भेजा जाता है. उन्होंने खुद के खेत में बने गोदाम में लहसुन को स्टोर करने, साफ-सफाई करने और पैकिंग करने का सारा काम (garlic storage and packaging) करते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त लागत से बचने में मदद मिलती है.