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किराए पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसान की मेहनत लाई रंग, सालाना कमाई पहुंची 20 लाख के पार

यूपी के गोरखपुर जिले के उनौला गांव निवासी धर्मेंद्र सिंह बचपन से ही पढ़ाई में दिलचस्पी रखते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े हुए, वे साहित्य की ओर बढ़ते गए। राजनीतिशास्त्र में स्नातकोत्तर कर चुके हैं। 
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यूपी के गोरखपुर जिले के उनौला गांव निवासी धर्मेंद्र सिंह बचपन से ही पढ़ाई में दिलचस्पी रखते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े हुए, वे साहित्य की ओर बढ़ते गए। राजनीतिशास्त्र में स्नातकोत्तर कर चुके हैं, लेकिन समय के चक्र ने उन्हें कृषि से जोड़ दिया।

इतना ही नहीं, इस युवा ने किराये की जमीन पर अपना भविष्य लिखना शुरू कर दिया। अब यह कृषि विविधिकरण का उदाहरण है।

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किराये पर जमीन लेकर खेती कर रहे हैं

धर्मेंद्र की लगन और मेहनत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब उनका उपजाया हुआ केला (Banana Farming) काठमांडू जा रहा है और रिलायंस जैसी कंपनी भी उनका ग्राहक है। 16 एकड़ क्षेत्र में खेती करने वाले धर्मेंद्र की सालाना आय 20 लाख रुपये से अधिक है।

धर्मेंद्र पॉली हाउस में जरबेरा और खीरे की संरक्षित खेती की जाती है, जो कृषि विविधिकरण का उदाहरण बन गया है। लगभग 16 एकड़ में केला, स्ट्राबेरी, ड्रैगन फ्रूट, पपीता और सीजन की लता उगाते हैं। धर्मेंद्र का केला काठमांडू और रिलायंस स्टोर में पहुंच चुका है।

सालाना 20 लाख से अधिक की कमाई

घर में शुद्ध तेल पाना मुश्किल है। क्योंकि यह सिर्फ सरसों की खेती करते हैं। भी एक या दो सीज़न के बीच। धर्मेंद्र की निजी जमीन सिर्फ एक एकड़ है, जो उन्होंने किराये की जमीन पर खेती की है। बाकी पट्टे या भाड़े पर है। साल भर में उन्हें इस खेती से लगभग 20 लाख रुपये की कमाई होती है।

धर्मेंद्र ने कहा कि उनकी खेती प्रत्येक वर्ष लगभग 6000 मानव रोजगार दिवस पैदा करती है। रोजाना उनके खेत में सात महिलाएं और पांच पुरुष काम करेंगे। माल लेने आते हैं चार व्यापारी भी।

कम बजट से शुरूआत

गोरखनाथ मंदिर के शैक्षिक प्रकल्प महाराणा प्रताप महाविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट और कंप्यूटर में डिप्लोमा करने वाले धर्मेंद्र का कहना है कि खेती में पूंजी एक साथ नहीं लगती। दूसरे बिजसने में शुरू में ही धन लगाना चाहिए।

पूंजी की कमी के कारण खेती ही बेहतर विकल्प लगी। शुरू में उत्पाद बेचना मुश्किल था। लेकिन जब आपकी और उत्पाद की गुणवत्ता बन जाती है, तो व्यापारी उसे खेत से उठा लेते हैं।

योगी सरकार की योजनाओं का लाभ

योगी सरकार ने किसानों को केंद्र में रखकर कई योजनाएं चलाई हैं, उन्होंने कहा। किसानों को इसका लाभ मिलना चाहिए। अनुदान पर मैंने पावर ट्रिलर लिया। ड्रिप लगवाने पर भी 90 प्रतिशत अनुदान मिला।

संरक्षित कृषि के लिए पॉली हाउस बनाने पर भी अनुदान दिया गया है। वैज्ञानिक खेती आपको खुश रख सकती है। नौकरी भी दे सकते हैं। अब मेरी आय 20 लाख रुपये प्रति वर्ष है।