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किसान भाई 15 सितम्बर से पहले जरुर कर ले ये काम, वरना हो सकता है भारी नुकसान

केले की खेती भारतीय कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है खासकर उत्तर भारत में जहां इसकी खेती व्यापक रूप से की जाती है.
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banana planting: केले की खेती भारतीय कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है खासकर उत्तर भारत में जहां इसकी खेती व्यापक रूप से की जाती है. लेकिन कुछ विशेष दिशा-निर्देश होते हैं जिनका पालन करना चाहिए खासतौर पर केले की रोपाई के समय.

केले की रोपाई का सही समय और महत्व

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विशेषज्ञों का कहना है कि केले की रोपाई का सर्वोत्तम समय अभी चल रहा है, और 15 सितंबर के बाद रोपाई नहीं करनी चाहिए. इसलिए यह जरूरी है कि खेती से जुड़े कामों को उस तारीख से पहले पूरा कर लिया जाए. यह रोपाई के लिए आदर्श समय होता है क्योंकि इस समय मौसम की स्थितियां अनुकूल होती हैं.

जलवायु और मिट्टी का चयन

केले के लिए आदर्श जलवायु उष्णकटिबंधीय होती है जहां तापमान 15°C से 35°C के बीच रहता है. मिट्टी का चयन करते समय यह सुनिश्चित करें कि वह अच्छी जल निकासी के साथ, कार्बनिक पदार्थों से भरपूर हो और उसका pH मान 5.5 से 7.5 के बीच हो.

भूमि की तैयारी और जल प्रबंधन

खेती के लिए भूमि तैयार करते समय 60 सेमी x 60 सेमी x 60 सेमी आकार के गड्ढे खोदें और उसमें सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं. गड्ढे को रोपण से 20 दिन पहले आधा भरें. रोपण के समय, पौधे की जड़ों को ठीक से सेट करें और नियमित रूप से पानी देना सुनिश्चित करें.

कीट और रोग प्रबंधन

केले के पौधे कई प्रकार के कीट और रोगों के लिए संवेदनशील होते हैं. इनमें से नेमाटोड, एफिड, फ्यूसैरियम विल्ट (Panama disease), और सिगाटोका लीफ स्पॉट प्रमुख हैं. इन कीट और रोगों की नियमित रूप से निगरानी करें और उचित उपचार करें.

पोषक तत्व प्रबंधन और कटाई 

पौधों को उचित पोषण प्रदान करने के लिए, हर पौधे को प्रति वर्ष 200 ग्राम नाइट्रोजन, 60 ग्राम फॉस्फोरस, और 300 ग्राम पोटेशियम दें. केले की कटाई सावधानी से करें और फलों को ठीक से संभाल कर रखें ताकि वे ताजे और गुणवत्तापूर्ण बने रहें.