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किसानों को फसल मुआवजे के लिए सरकारी दफ़्तरों के नही काटने पड़ेंगे चक्कर, सरकार ने लिया बड़ा डिसीजन

उत्तर प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ से किसानों की फसलें गहराई से प्रभावित हुई हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा है।
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उत्तर प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ से किसानों की फसलें गहराई से प्रभावित हुई हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा है। योगी सरकार ने इस संकट की घड़ी में किसानों के लिए सर्वे कराकर उन्हें मुआवजा देने की पहल की है। इस आर्टिकल में हम इस योजना के बारे में बताने जा रहे है.. 

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क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे और मुआवजा

उत्तर प्रदेश सरकार ने क्षतिग्रस्त फसलों के लिए एक सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की है जिससे कि सही समय पर किसानों को उचित मुआवजा मिल सके। इसके अलावा सरकार ने तहसीलों पर किसानों की सूची चस्पा करने का निर्णय लिया है ताकि किसानों को यह पता चल सके कि उन्हें मुआवजा मिला है या नहीं। इससे उन्हें बार-बार तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और वे अपनी अन्य गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

फसलों की बर्बादी पर आंकड़े

राहत आयुक्त जीएस नवीन के अनुसार, बाढ़ से 1,57,444 किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं। सरकार ने अब तक 1,25,521 किसानों को 71.01 करोड़ रुपए का मुआवजा देगी और शेष बचे किसानों को भी जल्दी ही दी जाएगी। इस प्रक्रिया को युद्धस्तर पर कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।

सरकार की निगरानी और आगे के कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और समय-समय पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए 10 करोड़ रुपए का विशेष प्रावधान भी किया है। इस तरह के कदम उठाकर सरकार किसानों की सहायता कर रही है और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है।