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Fat Burn Exercise: पेट भी बढ़ रही चर्बी से पाना चाहते है छुटकारा तो ये योगासन है एकदम परफ़ेक्ट, कुछ ही टाइम में दिखने लगेगा असली रिजल्ट

बेली फैट कम करना एक मुश्किल काम है। अक्सर कई प्रयासों के बाद भी जिद्दी पेट की चर्बी कम नहीं होती। हार्मोनल इंबैलेंस या अन्य हेल्थ कंडीशन्स के कारण अक्सर पेट की चर्बी कम करना मुश्किल हो जाता है।
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Which yoga is best for belly fat
   

बेली फैट कम करना एक मुश्किल काम है। अक्सर कई प्रयासों के बाद भी जिद्दी पेट की चर्बी कम नहीं होती। हार्मोनल इंबैलेंस या अन्य हेल्थ कंडीशन्स के कारण अक्सर पेट की चर्बी कम करना मुश्किल हो जाता है। बेली फैट कम करने में सही डाइट की भूमिका उतनी ही महत्वपूर्ण जितना योगा और एक्सरसाइज है।

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अगर आप भी बेली फैट कम करने की सभी कोशिशों से हार गए हैं, तो बस एक आसन को हर दिन दस मिनट करके आप अपने पेट की घबराहट से छुटकारा पा सकते हैं। आइए एक अनुभवी से इस योगासन को करना सीखें। दिलराज प्रीत कौर यह जानकारी दे रहे हैं। वह अंतर्राष्ट्रीय योगा शिक्षक हैं। इसके अलावा, वे उत्तराखंड सरकार की योगा ब्रांड एंबेसडर हैं। 

बेली फैट घटाने के लिए करें नौकासन 

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  • नौकासन आपकी सारी सेहत को बेहतर बनाता है। यह खासकर पेट की चर्बी कम करने में मदद करता है।
  • नौकासन करने से पेट की चर्बी आसानी से कम हो सकती है।
  • वास्तव में, नौकासन करने से पेट की मांसपेशियों और आसपास की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिससे पेट की चर्बी कम होती है।
  • यह योगासन पेट और कमर के आसपास की चर्बी कम करने में सबसे प्रभावी है।
  • यह पेट की मांसपेशियों को टोन करने में मदद करता है।
  • इसका अभ्यास पेट की मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे आप कुछ ही समय में फ्लैट टमी पा सकते हैं।
  • रीढ़ की हड्डी को नौकासन भी अच्छा लगता है। यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।
  • दाइजेस्टिव सिस्टम मजबूत होता है और कब्ज (कब्ज के लिए योगासन) दूर होता है।
  • यह स्ट्रेस को कम करने और मसल्स को मजबूत बनाने में प्रभावी है।

नौकासन या बोट पोज करने का सही तरीका

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  • इसे करने के लिए पहले किसी चिकनी जगह पर योगा मैट बिछाकर बैठ जाना चाहिए।
  • दोनों पैरों को सामने फैलाएं।
  • अब दोनों हाथ पीछे ले जाएं।
  • जमीन पर हाथों को हिप्स से थोड़ा पीछे रखें।
  • रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए।
  • गहरी सांस लेते हुए पैरों को जमीन से उठाएं।
  • पैर की ओर बाँहें ले जाएं।
  • नाभि की ओर मुड़ने पर आपको नाभि पर दबाव महसूस होगा।
  • कुछ सेकेंडों के लिए इस स्थिति में रहें, फिर मूल स्थिति में लौट आएं।