खेत में काम करते वक्त जमीन से निकला विशालकाय अजगर, बाबा ने हिम्मत दिखाकर दबोच लिया अजगर का मुंह
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के एक गांव में हाल ही में एक विशाल अजगर (Python) को पकड़ने का वीडियो सामने आया है। इस अजगर को पकड़ने के लिए वन विभाग (Forest Department) की एक विशेष टीम को बुलाया गया था। यह अजगर इतना बड़ा था कि इसे पकड़ने में कई लोगों की मदद लेनी पड़ी। घटना के समय मौके पर लोगों की भारी भीड़ (Crowd) भी जमा हो गई थी और यह घटना सोशल मीडिया (Social Media) पर तेजी से वायरल हो गई।
मौसम परिवर्तन और वन्यजीव
उत्तर भारत में हाल ही में मौसम में आए बदलाव के बाद, जानवर भी धूप (Sunshine) सेंकने के लिए बाहर आने लगे हैं। ऐसे में, बदायूं के दातागंज क्षेत्र के बसेला गांव में एक विशालकाय अजगर का देखा जाना एक उदाहरण है। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि कैसे मौसमी परिवर्तन (Seasonal Change) वन्यजीवों की गतिविधियों को प्रभावित करता है।
गांववालों और वन विभाग की सूझबुझ
बसेला गांव में अजगर के दिखाई देने पर, गांववालों ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया। इस अजगर को सुरक्षित तरीके से पकड़ने की प्रक्रिया को इंस्टाग्राम (Instagram) पर @airnewsalerts के हैंडल पर भी शेयर किया गया। यह वीडियो दिखाता है कि कैसे गांव के खेत में कई लोगों ने मिलकर अजगर को एक बोरे में डाला, जो कि एक कठिन काम था क्योंकि अजगर बहुत बड़ा और भारी था।
सोशल मीडिया पर लोगों के कमेंट्स
इस वीडियो पर यूजर्स ने विभिन्न प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। कुछ ने इसे पर्यावरण और मानव निवास (Human Settlement) के बीच के संबंधों पर चर्चा का एक बिंदु बनाया है, जबकि अन्य ने वन विभाग की वेशभूषा और उनके कार्यप्रणाली पर हल्के-फुल्के टिप्पणी की है। एक यूजर ने तो यह भी पूछा कि जब इंसान जानवरों के घरों को तोड़कर अपने घर बना रहे हैं, तो जानवर कहां जाएंगे? इस तरह की प्रतिक्रियाएं वन्यजीवों और मानव बस्तियों के बीच बढ़ते संघर्ष (Wildlife-Human Conflict) पर प्रकाश डालती हैं।
संरक्षण और सह-अस्तित्व की ओर एक कदम
इस घटना से एक महत्वपूर्ण सबक मिलता है कि वन्यजीवों के संरक्षण (Conservation) और मानव-जानवर के सह-अस्तित्व (Co-existence) के लिए हमें अधिक सजग और समर्पित होने की आवश्यकता है। वन विभाग की टीम द्वारा अजगर को सुरक्षित रूप से पकड़ना और बाद में उसे एक घने जंगल में छोड़ने का निर्णय, इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इस तरह के प्रयास स्थानीय समुदायों (Local Communities) और वन विभाग के बीच सहयोग (Collaboration) को भी मजबूत करते हैं।