Goat Farming: इस नस्ल की बकरियों को पालकर आप भी हो सकते है मालामाल, विदेशों में भी इस नस्ल की तगड़ी है डिमांड
वर्तमान समय में जहां महंगाई ने सभी को प्रभावित किया है, वहीं आय के नए स्रोतों की तलाश में लोग नित्य नए प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय बनकर उभरा है, जो न केवल स्थिर आय प्रदान करता है, बल्कि इसे खेती के साथ-साथ या अलग से भी किया जा सकता है।
आज हम आपको बताएंगे कि बोअर नस्ल की बकरियां क्यों इस व्यवसाय के लिए सर्वोत्तम मानी जाती हैं और इनका पालन-पोषण कैसे किया जा सकता है। बोअर नस्ल की बकरियों का पालन एक लाभकारी व्यवसाय साबित हो सकता है, जिससे न केवल मांस और दूध के जरिए अच्छी कमाई हो सकती है।
बल्कि ईद जैसे त्यौहारों पर इसकी मांग में वृद्धि से अधिक लाभ भी हो सकता है। इस नस्ल की बकरियों का पालन करके आप न केवल अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं, बल्कि एक स्थिर और टिकाऊ आय का स्रोत भी तैयार कर सकते हैं।
बोअर नस्ल बकरी पालन की पहली पसंद
बोअर नस्ल की बकरियों की मांग उनके वजन और मांस की गुणवत्ता के कारण बाजार में अधिक है। इस नस्ल का वजन आमतौर पर 90 से 110 किलोग्राम तक होता है, जिसके कारण इसकी बाजार में उच्च मांग है। इस नस्ल की खासियत यह है कि यह सभी प्रकार के पेड़ों की पत्तियों को आसानी से खा लेता है, जिससे इसका पालन आसान हो जाता है।
पालन-पोषण की प्रक्रिया
बोअर नस्ल की बकरियों का पालन करने के लिए, उचित आहार और स्वच्छ पर्यावरण का ध्यान रखना जरूरी है। इन बकरियों को प्रतिदिन ताजा और शुद्ध पानी उपलब्ध कराना चाहिए। इसके साथ ही इन्हें उचित मात्रा में हरा चारा, सूखा चारा और खनिज मिश्रण देना चाहिए।
ईद के समय में बकरियों की मांग
ईद के त्यौहार के समय में बकरों की मांग में वृद्धि होती है, जिससे बकरी पालन से जुड़े व्यवसायी अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। बोअर नस्ल के बकरे इस समय में विशेष रूप से लोकप्रिय होते हैं, जिसके कारण इनकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है।
बकरी पालन के आर्थिक लाभ
बोअर नस्ल की बकरियों से न केवल मांस के रूप में अच्छी आमदनी हो सकती है, बल्कि इसके दूध से भी लाभ होता है। एक बोअर नस्ल की बकरी प्रतिदिन लगभग 4 लीटर दूध देती है, जिसे बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। बकरी के दूध की बाजार में मांग गाय के दूध से भी अधिक है, जिसके कारण इससे होने वाली आमदनी में वृद्धि होती है।