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Gold Price Today: क्रिसमस से पहले सोने की कीमतों में आया 850 रुपए का तगड़ा उछाल, जाने 1 तोला सोने का ताजा भाव

अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में इस हफ्ते गिरावट के कारण सोना-चांदी की कीमतें बढ़ी हैं। 
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अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में इस हफ्ते गिरावट के कारण सोना-चांदी की कीमतें बढ़ी हैं। 762 रुपए के उछाल के साथ सोना घरेलू बाजार में 62954 रुपए प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ। चांदी 861 रुपए की मजबूती पर 75386 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। स्पॉट गोल्ड अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2053 रुपए प्रति आउंस पर बंद हुआ।

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 23 दिसम्बर का सोना-चांदी के बाजार मे भाव

दिल्ली सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने में 300 रुपए की मजबूती और चांदी में 400 रुपए की मजबूती दर्ज की गई। तेजी से सोना 63350 रुपए प्रति 10 ग्राम पर गिर गया। चांदी 79500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। अमेरिकी जीडीपी ग्रोथ में तीसरे चरण में गिरावट हुई, जिसके बाद डॉलर इंडेक्स पर दबाव बढ़ा और सोना-चांदी में तेजी का रुख देखा गया, HDFC सिक्योरिटीज के कमोडिटी ऐनालिस्ट सौमिल गांधी ने बताया।

बाजार मे आज क्या है 24 करेट सोने का भाव

24 कैरेट गोल्ड का मूल्य इस हफ्ते 62840 रुपए प्रति ग्राम था, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के अनुसार। 22 कैरेट की कीमत 61340 रुपए थी, 20 कैरेट 55930 रुपए था, 18 कैरेट 50900 रुपए था और 14 कैरेट 40530 रुपए था। GST और मेकिंग शुल्क इसमें नहीं शामिल हैं।

डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड के मूल्यों पर प्रभाव

डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड की कीमतें बदलती हैं। डॉलर इंडेक्स की वृद्धि कीमतों पर दबाव डालती है, जबकि सोना-चांदी की कीमतें डॉलर इंडेक्स की गिरावट से बढ़ती हैं। नवंबर महीने में अमेरिकी पर्सनल कंजप्शन एक्सपेंडिचर ने सालाना आधार पर 2.6 प्रतिशत से वृद्धि की, जो अक्टूबर में 2.9 प्रतिशत था। फेडरल रिजर्व का दावा कि वह अब और इंटरेस्ट रेट नहीं बढ़ाएगा, अनुमान से अधिक था। सोना-चांदी की कीमतें इससे बढ़ जाएंगी।

2024 में सोना-चांदी पर क्या प्रभावित होगा?

Моतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में सोना 13 से 15 प्रतिशत महंगा हुआ। 2024 के परिणामों में मॉनिटरी पॉलिसी, डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में गिरावट महत्वपूर्ण होंगे। यदि फेड इंटरेस्ट रेट बाजार अनुमान से कट नहीं करता, तो कीमतों पर दबाव होगा। दूसरी ओर, विकास दरों पर दबाव, डॉलर इंडेक्स में गिरावट, निवेश दरों में गिरावट और जियो पॉलिटिकल हालात के कारण सोन-चांदी की मांग बढ़ेगी और उनकी कीमतें बढ़ जाएंगी।