सरकार ने इन 59000 राशन कार्ड को किया ब्लॉक, डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को नही मिलेगा सस्ता राशन
Apply Ration Card: प्रदेश में 59,000 से अधिक राशन कार्ड केवल इसलिए अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिए गए हैं क्योंकि कार्डधारकों ने अभी तक अपने राशन कार्ड का ई-केवाईसी नहीं करवाया है. सरकार ने इस कदम के जरिए राशन वितरण में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है ताकि यह सुविधा वास्तविक और योग्य लाभार्थियों तक पहुंचे. राशन कार्ड का ई-केवाईसी कराने की प्रक्रिया कई महीनों से चल रही है, और सरकार ने बार-बार लाभार्थियों को इस काम को समय रहते पूरा करने का मौका दिया है.
ई-केवाईसी का महत्व
राशन वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों को रोकने के लिए ई-केवाईसी एक आवश्यक प्रक्रिया बन चुकी है. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि राज्य के राशन डिपो में मिलने वाला सस्ता राशन केवल वास्तविक और योग्य लाभार्थियों को ही मिले. वर्तमान में प्रदेश के करीब 80% राशन कार्डधारकों ने ई-केवाईसी पूरा कर लिया है, जबकि बाकी 20% अभी तक इस प्रक्रिया से गुजरने में असमर्थ रहे हैं. ई-केवाईसी न होने की वजह से प्रदेश के 59,998 राशन कार्ड ब्लॉक किए जा चुके हैं, जिससे 1.59 लाख उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिल पा रहा है.
जिलेवार राशन कार्ड ब्लॉक की स्थिति
विभाग ने प्रदेश में ई-केवाईसी न करवाने वाले राशन कार्डों को जिलेवार सूचीबद्ध किया है. कुछ प्रमुख जिलों में ब्लॉक हुए राशन कार्ड की संख्या निम्नलिखित है:
- कांगड़ा: 23,152 राशन कार्ड
- शिमला: 10,041 राशन कार्ड
- चंबा: 8,943 राशन कार्ड
- कुल्लू: 3,974 राशन कार्ड
- ऊना: 4,537 राशन कार्ड
इस सूची से स्पष्ट है कि कांगड़ा और शिमला जिलों में ई-केवाईसी के कारण ब्लॉक किए गए राशन कार्डों की संख्या सबसे अधिक है. इससे यह साफ है कि लोगों की जागरूकता और प्रशासनिक प्रयासों की जरूरत इन जिलों में अधिक है.
लाखों लोग अब भी ई-केवाईसी से वंचित
प्रदेश में कुल 71,51,012 राशन कार्डधारकों में से 57,68,852 लोगों ने ई-केवाईसी पूरी कर ली है, लेकिन अभी भी 13,82,160 लोग इस प्रक्रिया से वंचित हैं. इन लोगों को अगर समय रहते ई-केवाईसी नहीं करवाया गया तो सरकार को राशन वितरण में पारदर्शिता स्थापित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. विभाग ने इस बात पर जोर दिया है कि 31 दिसंबर तक ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी नहीं करने वाले कार्डधारकों के कार्ड अस्थायी रूप से बंद कर दिए जाएंगे.
उपभोक्ताओं को जागरूक करने की पहल
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने नजदीकी राशन डिपो या लोक मित्र केंद्र में जाकर ई-केवाईसी की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करें. उन्होंने कहा कि यह केवल सरकार की एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य वास्तविक जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाना है. लोगों को जागरूक करने के लिए विभाग ने कई जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए हैं, लेकिन इसके बावजूद 20% राशन कार्डधारक अभी भी इस प्रक्रिया से अछूते हैं.
ई-केवाईसी न होने पर क्या होंगे परिणाम
जो उपभोक्ता 31 दिसंबर तक ई-केवाईसी नहीं करवाएंगे, उनके राशन कार्ड को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया जाएगा. इसका मतलब यह है कि वे सस्ते राशन का लाभ नहीं उठा सकेंगे. ई-केवाईसी का पूरा होना उपभोक्ताओं के लिए अनिवार्य है ताकि सरकार सही तरीके से राशन वितरण सुनिश्चित कर सके और राशन वितरण में होने वाली गड़बड़ियों को रोका जा सके.
राशन कार्ड के लाभ और पारदर्शिता की कोशिशें
राशन कार्ड योजना के तहत लाभार्थियों को सस्ता अनाज, गेहूं, चावल और चीनी मिलती है, जो उनकी आवश्यकताओं को पूरा करता है. सरकार इस योजना को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. ई-केवाईसी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल सही लोग इस योजना का लाभ उठाएं और योजना में किसी भी प्रकार की धांधली को रोका जा सके.
उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक दस्तावेज
ई-केवाईसी करवाने के लिए उपभोक्ताओं को आधार कार्ड, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जन आधार और अन्य आवश्यक दस्तावेज की आवश्यकता होगी. इन दस्तावेजों को सही तरीके से प्रस्तुत करना अनिवार्य है ताकि कार्डधारक बिना किसी परेशानी के सस्ते राशन का लाभ ले सकें.