मछली पालन पर सरकार दे रही है भारी सब्सिडी, बेरोजगार बैठे युवाओं के लिए कमाई का सुनहरा मौका
Fish farming in Srinagar Garhwal: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में मत्स्य विभाग द्वारा किसानों को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस पहल का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है. मछली पालन न केवल किसानों की आय में बढ़ोतरी करता है बल्कि स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए अवसर भी मिलता है.
सब्सिडी का लाभ और किसानों की चुनौतियां
मत्स्य पालन अधिकारी अभिषेक मिश्रा के अनुसार, पहाड़ी इलाकों के किसान सब्सिडी का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. यद्यपि योजनाओं में 50% सब्सिडी (50% subsidy) मिलती है फिर भी शेष राशि का वहन करना किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है जिसके लिए उन्हें बैंकों के चक्कर काटने पड़ते हैं.
सरकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी की जरूरत
मत्स्य पालन विभाग द्वारा केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर संचालित अधिकांश योजनाओं में सामान्य वर्ग के लिए 50 प्रतिशत, जबकि अनुसूचित जाति और महिलाओं के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी (60% subsidy for SC and women) की पेशकश की जाती है. यह उपाय इन समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए किया गया है.
नई योजनाएँ और किसानों के लिए सहायता
एनसीडीसी (NCDC) योजना के तहत सरकार अब काश्तकारों को समूह बनाकर सहायता प्रदान कर रही है. इस योजना से किसान न केवल सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं, बल्कि अब उन्हें विभाग द्वारा आवश्यक धनराशि भी मिलती है जिस पर उन्हें मात्र 9.7% ब्याज (interest rate) देना होगा.
योजना के तहत लाभ और लेन-देन की प्रक्रिया
इस योजना के अंतर्गत एक समूह में शामिल किसानों को 14 लाख रुपये तक की योजना का लाभ मिल सकता है. इस धनराशि को वे अलग-अलग या मिलकर भी उपयोग कर सकते हैं. किसी किसान के लिए 1 लाख रुपए की योजना पर 50% सब्सिडी के साथ, आधी राशि उसे नहीं चुकानी पड़ेगी और शेष राशि का भुगतान उसे आठ वर्षों में करना होगा.