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बैंक लॉकर में रखे कैश और गहनों से धोना पड़ सकता है हाथ, जान लो RBI के ये खास नियम

बैंक चाहे पब्लिक सेक्टर का हो या प्राइवेट सेक्टर का कस्टमर्स को लॉकर सुविधा एक आम बात है। इस सुविधा के लिए बैंक एक निर्धारित शुल्क लेते हैं। हालांकि इसके साथ ही कुछ नियम और शर्तें भी जुड़ी होती हैं जिन्हें जानना हर ग्राहक के लिए जरूरी है।
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बैंक चाहे पब्लिक सेक्टर का हो या प्राइवेट सेक्टर का कस्टमर्स को लॉकर सुविधा एक आम बात है। इस सुविधा के लिए बैंक एक निर्धारित शुल्क लेते हैं। हालांकि इसके साथ ही कुछ नियम और शर्तें भी जुड़ी होती हैं जिन्हें जानना हर ग्राहक के लिए जरूरी है।

बैंक लॉकर में चीजों की सुरक्षा

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अधिकांश लोग बैंक लॉकर का उपयोग इसलिए करते हैं क्योंकि घर पर कीमती चीजों को रखने में खतरा रहता है। खासकर गहने और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जैसी चीजें अक्सर लॉकर में रखी जाती हैं। लेकिन यह जान लेना महत्वपूर्ण है कि बैंक इन चीजों की किस हद तक गारंटी लेता है।

सेफ डिपॉजिट लॉक के नए नियम

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अगस्त 2022 में सेफ डिपॉजिट लॉकर्स के लिए नए नियम जारी किए। इन नियमों के अनुसार सभी बैंकों को 1 जनवरी 2023 तक मौजूदा लॉकर होल्डर्स के साथ अपने एग्रीमेंट्स को अपडेट करना था।

वेटिंग लिस्ट और लॉकर उपलब्धता

नए नियमों के अनुसार बैंकों को अपने खाली लॉकर्स और वेटिंग लिस्ट की जानकारी ग्राहकों को उपलब्ध करानी अनिवार्य है। इससे ग्राहकों को लॉकर की उपलब्धता की स्थिति का पता चल सकता है। इसके अलावा, बैंक एक बार में अधिकतम तीन साल का किराया वसूल सकते हैं।

RBI के नियम

RBI के संशोधित नियम कहते हैं कि बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि लॉकर एग्रीमेंट में कोई ऐसी अनुचित शर्त शामिल न हो जिससे ग्राहकों को नुकसान होने पर बैंक जिम्मेदारी से बच सके।

बैंक लॉकर के नियम और वैध सामान

नए नियमों के अनुसार, बैंक और ग्राहकों के बीच नए एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से यह वर्णन किया जाना चाहिए कि लॉकर में क्या सामान रखा जा सकता है और क्या नहीं। बैंक लॉकर में केवल ज्वेलरी महत्वपूर्ण दस्तावेज और कानूनी तौर पर वैध सामान ही रखे जा सकेंगे।

लॉकर में न रखने योग्य वस्तुएं

बैंक लॉकर में हथियार, नकदी, विदेशी मुद्रा, दवाएं या घातक जहरीले सामान रखना प्रतिबंधित है। इन वस्तुओं को रखना नियमों के खिलाफ है और इससे होने वाले नुकसान के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होगा।

नॉमिनी और उनके अधिकार

अगर लॉकर धारक ने किसी को अपने लॉकर के लिए नॉमिनी नामित किया है तो उनकी मृत्यु के बाद नॉमिनी को लॉकर खोलने और सामान निकालने का अधिकार होता है। बैंक वेरिफिकेशन के बाद यह एक्सेस मिलता हैं।