हरियाणा में खट्टर सरकार की तरफ से कच्चे कर्मचारियों को मिला तोहफा, जाने सरकार का नया ऐलान
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आउटसोर्सिंग नीति को तर्कसंगत बनाकर 90 हजार से अधिक कर्मचारियों को ठेकेदारों से बचाया है। साथ ही, उन्होंने कर्मचारियों के नाम पर राजनीति करने वाले कर्मचारी संघों के नेताओं को तीखी प्रतिक्रिया दी है, जो देश भर में चर्चा में हैं।
मुख्यमंत्री ने ईपीएफ अंशदान और ईएसआई के नाम पर ठेकेदारों द्वारा शोषित कर्मचारियों की शिकायतों को गंभीरता से लिया है और हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन किया है, जो कर्मचारियों को समान सुविधाएं देता है।
चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर डिजिटल बोर्ड लगाए
मुख्यमंत्री की नियुक्ति प्रक्रिया भी देश की सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय पंजाब विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रभावित करती है। चंडीगढ़ में पिछले नौ वर्षों में हरियाणा सरकार की उपलब्धियों में पहली बार डिजिटल बोर्ड लगाए गए हैं। छात्र डिजिटल विज्ञापनों पर दिखाए गए बिन स्लिप-बिन खर्च योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियों के बारे में भी गाइड से पूछते हैं।
जैसे सुखना लेक, राक गार्डन, रोज़ गार्डन और आर्ट कॉलेज। इन विज्ञापनों में स्थानीय लोगों की भी दिलचस्पी है। यह जानकारी हर किसी को मिल रही है, चाहे वे नागरिक समाज, साहित्य या मीडिया से जुड़े हों। Moral Reds कौन हैं?
सरकार ने 1 लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरियां दीं
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का मानना है कि लोकतंत्र में सरकार चलाने में कर्मचारी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। पिछले नौ वर्षों में, योग्यता के आधार पर सरकारी कर्मचारियों की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया ने 110,000 से अधिक युवाओं को रोजगार दिया है।
इसके अलावा, 60,000 से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया कई चरणों में चल रही है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम उन विभागों को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जिनमें तत्काल कर्मचारियों की आवश्यकता है। विभागों की आवश्यकताओं के अनुसार कर्मचारियों को लगभग 20 दिनों में जॉब ऑफर लेटर दिए जाते हैं।