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हरियाणा में छठी कक्षा के बच्चों को मुफ्त में मनपसंद साइकिल देगा शिक्षा विभाग, इन बच्चों के बैंक खातों में आएँगे पैसे

शिक्षा के पथ पर अग्रसर बच्चों के लिए साइकिल न केवल एक यातायात का साधन है। बल्कि उनके स्वप्नों को पंख लगाने का जरिया भी है। इसी उद्देश्य के साथ जिला मौलिक शिक्षा विभाग ने अनुसूचित जाति के छठी कक्षा के...
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शिक्षा के पथ पर अग्रसर बच्चों के लिए साइकिल न केवल एक यातायात का साधन है। बल्कि उनके स्वप्नों को पंख लगाने का जरिया भी है। इसी उद्देश्य के साथ जिला मौलिक शिक्षा विभाग ने अनुसूचित जाति के छठी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए "मेरी साइकिल-मेरी पसंद" मेले का आयोजन किया।

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इस आयोजन के माध्यम से बच्चों को उनकी पसंद की साइकिलें प्रदान की जा रही हैं। इस आयोजन की सफलता ने न केवल बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाई। बल्कि एक उम्मीद भी जगाई है कि भविष्य में इसी प्रकार की पहलें शिक्षा के क्षेत्र में और भी सशक्तिकरण लाएंगी।

डीईईओ कपिल पूनिया के अनुसार जल्द ही सभी खंडों में राशि वितरित की जाएगी और बच्चे अपनी साइकिलें प्राप्त कर सकेंगे। इससे उनकी शिक्षा यात्रा में एक नई गति मिलेगी और उनके सपनों को नई उड़ान।

बजट की समय पर प्राप्ति

इस खास दिन के लिए वित्तीय योजना का पूरा होना इस कार्यक्रम की सफलता का प्रमुख आधार बना। वीरवार को पूरा बजट प्राप्त होने की सूचना से निश्चित रूप से हर विद्यार्थी के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई।

जिले के पांच खंडों से 502 विद्यार्थियों को उनकी पसंद की साइकिलें मिलने वाली हैं जिसके लिए 14 लाख 72 हजार 200 रुपए की राशि निर्धारित की गई थी। इससे बच्चों और उनके अभिभावकों को एक बड़ी राहत मिली है।

साइकिल मेले में बच्चों की उत्साहित भागीदारी

सितंबर 2023 में आयोजित इस मेले में दो साइकिल डीलरों ने अपनी विविधतापूर्ण साइकिलों के साथ भाग लिया। इस मौके पर बच्चों ने अपनी पसंदीदा साइकिलों को बुक किया जिससे उनके सपनों को पंख लग गए। रेवाड़ी नाहड़ खोल बावल और जाटूसाना खंडों से आए विद्यार्थियों ने इस मेले में भाग लेकर अपनी साइकिलें बुक कीं।

शिक्षा की ओर एक सशक्त कदम

इस पहल के माध्यम से सरकार ने न केवल बच्चों को उनकी पसंद की साइकिलें प्रदान कीं बल्कि शिक्षा की ओर उनके कदम को भी सशक्त बनाया। लड़कियों के लिए 2800 रुपए और लड़कों के लिए 3000 रुपए की निर्धारित राशि इस बात का प्रमाण है कि सरकार शिक्षा के प्रति कितनी सजग है। यह कदम निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा।