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हरियाणा में इस विभाग के अफसरों की रुक गई सैलरी, जाने क्या है असली वजह

हरियाणा से एक बड़ी खबर सामने आई है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के पांच अधिकारियों की सैलरी रोकने का आदेश दिया है.
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Haryana Employes salary Hike
   

Haryana Employes salary Hike: हरियाणा से एक बड़ी खबर सामने आई है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के पांच अधिकारियों की सैलरी रोकने का आदेश दिया है. इनमें हिसार समेत तीन जिलों के डीईओ और दो डायरेक्टर शामिल हैं. इन अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी का सर्विस बेनिफिट रोक रखा था जो 16 साल से अपनी लड़ाई लड़ रहा था.

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अधिकारियों पर लगे आरोप

आरोप यह है कि इन अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग (misuse of power) कर शिक्षा विभाग के कर्मचारी को परेशान किया. हाईकोर्ट ने अपनी सुनवाई में पाया कि कर्मचारी को उनके सर्विस बेनिफिट से जानबूझकर वंचित रखा गया. कोर्ट ने इसे गंभीर मामला मानते हुए अधिकारियों की सैलरी रोकने का आदेश दिया.

इन अधिकारियों की बढ़ाई सैलरी

जिन अधिकारियों की सैलरी रोकी गई है उनमें शामिल हैं:

  • जितेंद्र कुमार, डीएसई डायरेक्टर (Director of Secondary Education)
  • आरएस ढिल्लो, डीजीईई डायरेक्टर (Director General of Elementary Education)
  • धर्मेंद्र कुमार, डीईओ यमुनानगर (Yamunanagar DEO)
  • रोहताश वर्मा, डीईओ कुरुक्षेत्र (Kurukshetra DEO)
  • प्रदीप नरवाल, डीईओ हिसार (Hisar DEO)

इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि हाईकोर्ट भ्रष्टाचार और अधिकारों के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं करेगा.

16 साल लंबी लड़ाई का नतीजा

याचिकाकर्ता 16 साल से न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहा था. शिक्षा विभाग में अपनी नौकरी के दौरान उसे सर्विस बेनिफिट नहीं दिया गया. हाईकोर्ट ने इसे न्यायिक प्रक्रिया की जीत बताया और कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया.

न्याय व्यवस्था पर बढ़ा विश्वास

हाईकोर्ट के इस फैसले से न्याय व्यवस्था पर आम जनता का विश्वास बढ़ा है. यह फैसला उन कर्मचारियों के लिए प्रेरणा है जो अधिकारों के दुरुपयोग से पीड़ित हैं. यह भी दर्शाता है कि अगर आप अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ते हैं, तो देर से ही सही, न्याय जरूर मिलता है.

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शिक्षा विभाग में सुधार की जरूरत

यह मामला शिक्षा विभाग में चल रही खामियों को उजागर करता है. अधिकारियों का इस तरह से अपने पद का दुरुपयोग करना गंभीर चिंता का विषय है. यह घटना दर्शाती है कि विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही (transparency and accountability) की सख्त जरूरत है.