Haryana News: हरियाणा में 3 दिनों की हड़ताल पर रहेंगे पटवारी-कानूनगो, भूमि रिकोर्ड से सम्बंधित कामों पर पड़ेगा सीधा असर
आज से हरियाणा में कानूनगो और पटवारी के तीन दिवसीय हड़ताल शुरू हो गए हैं। 3 जनवरी से 5 जनवरी को रेवेन्यू पटवार और कानूनगो एसोसिएशन ने हड़ताल का आह्वान किया है। इस हड़ताल के दौरान पटवारी और कानूनगों को भूमि रिकॉर्ड से कोई संबंधित कार्य नहीं करना होगा।
वे सरकारी कार्यालयों पर धरना देकर अपनी मांगों को प्रकट करेंगे। इसके परिणामस्वरूप जमीन पैमाइश, भूमि रिकॉर्डिंग, फसलों की वैरिफिकेशन आदि कार्यों में भी देरी हो सकती है, जो लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
325 गांवों में केवल 69 पटवारी
रोहतक में कानूनगों के लाभ सिंह और राज्य ऑडिटर हरीश कुमार ने वेतन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर धरना दिया। फाइनेंस डिपार्टमेंट ने वेतन में कुछ कमियों के साथ बढ़ोतरी की, लेकिन लगभग 70% पटवारियों को इससे लाभ नहीं हुआ।
इसके अलावा, कानूनगो ने कहा कि हरियाणा में पटवारियों की कमी के कारण समय पर काम नहीं हो पा रहा है और सरकार भी नई पटवारियों को नहीं भर्ती कर रही है। सिरसा जिले में 325 गांवों में केवल 69 पटवारी कार्यरत हैं।
24 जनवरी 2023 को वेतन को बढ़ा
कर्मचारियों ने बताया कि 4 जनवरी 2023 को एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सीएम ने बैठक की थी। जिसमें एक समझौता हुआ था कि राजस्व पटवारी का वेतन 25 हजार 500 से बढ़ाया जाएगा, इसके बाद संघ ने आंदोलन को समाप्त कर दिया।
बाद में वेतन को 24 जनवरी 2023 को 32 हजार 100 रुपये कर दिया गया। उनका दावा था कि बढ़ा हुआ वेतन जनवरी 2016 से लागू होना चाहिए था, लेकिन यह साल 2023 से लागू होगा, जो गलत है। उन्हें बढे वेतन का लाभ आश्वासन के अनुसार 2016 से वेतन मिलता है।
पटवारियों और कानूनगों ने तीन दिन की हड़ताल
कैथल के पटवारियों ने भी पे-स्केल बढ़ाने की मांग की है। उनकी मुख्य मांग है कि सरकार ने उनकी पहली मांग को मान लिया, लेकिन वेतन को 2016 से और फिर 2023 से लागू किया, जिससे उन्हें फायदा नहीं हुआ। चरखी दादरी में भी कानूनगों और पटवारियों ने तीन दिन की हड़ताल शुरू की है। उनका कहना था कि वे हड़ताल को बढ़ा सकते हैं अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी।
एसोसिएशन और एसकेएस के प्रधान रणबीर सांगवान ने सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। वे कहते हैं कि अगर सरकार तीन दिन में उनकी मांगों को नहीं पूरा करती, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सकते हैं।