Haryana Pashu Bima: हरियाणा में ये पशु बीमा योजना बनी पशुपालकों के लिए वरदान, इस तरीके से कर सकते है आवेदन
भारतीय केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों ने संयुक्त रूप से "जोखिम प्रबंधन और पशुधन बीमा योजना" का आयोजन किया है। यह योजना पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के नाम से भी जानी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के पशुपालकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
पिछले पांच वर्षों में इस योजना ने 8.51 लाख पशुधन का बीमा किया है और इसने आर्थिक नुकसान की भरपाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस योजना के माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा के साथ-साथ उनके पशुधन की सुरक्षा की गारंटी मिलती है। जिससे वे बिना किसी चिंता के पशुपालन कर सकते हैं।
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योजना के तहत बीमित पशुओं की संख्या
इस योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के पशु जैसे कि दुधारू पशु, भेड़/बकरी इकाई, सूकर इकाई, भारवाही पशु और ऊंट शामिल हैं। एक पशुपालक अपने पांच बड़े पशुओं और 50 छोटे पशुओं का बीमा कर सकता है। जिससे वे अधिक से अधिक वित्तीय सुरक्षा प्राप्त कर सकें।
लाभार्थियों को मिलने वाले फायदे
पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु बीमा योजना के अंतर्गत, पशुपालक अपने पशुओं को बहुत कम प्रीमियम दर पर एक वर्ष या तीन वर्ष के लिए बीमित कर सकते हैं। इस योजना के तहत अब तक लगभग 57.92 करोड़ रुपये की बीमा दावा राशि वितरित की जा चुकी है और 9.25 करोड़ रुपये का भुगतान शेष है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
आवेदक आसानी से SARAL पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा कामन सर्विस सेंटर, अंत्योदय केंद्र, अटल सेवा केंद्र, और ई-दिशा केंद्र के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है।
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आवश्यक दस्तावेज
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेजों में मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पास बुक, पैन कार्ड और रद्द किए गए बैंक चेक की फोटो कॉपी शामिल हैं।